बाढ़ के बाद बच्चे बीमार, इलाज के लिए पैसा नहीं: भोपाल से 20Km दूर 4 दिन टापू बने रहे समरधा टोला के हाल बेहाल

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ईश्वर सिंह परमार/आदर्श शर्मा (भोपाल)6 मिनट पहले
22 से 24 अगस्त तक की भारी बारिश ने मध्यप्रदेश में भारी तबाही मचाई। सैकड़ों लोगों की गृहस्थी ही उजड़ गई। भोपाल से 20 किलोमीटर दूर समरधा टोला गांव में ग्रामीणों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। घरों में अचानक पानी भरने लगा। सब जान बचाने के लिए परिवार सहित ऊंचे स्थान पर पहुंचे। गांव 4 दिन तक टापू बना रहा। पानी निकलने के बाद जब लोग अपने घरों में लौटे तो सब कुछ बर्बाद हो चुका था। बाढ़ के बाद के हालात जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम समरधा टोला गांव पहुंची। यहां लोगों के पास खाने-पीने का सामान नहीं है। नमी से बच्चे बीमार हो रहे हैं, लेकिन परिजनों के पास इलाज का पैसा नहीं है। जानिए ग्रामीणों से उनकी व्यथा…
गांव की गुलाब बाई ने बताया- चारों ओर पानी ही पानी था। कलियासोत नदी के पानी से घर डूब गए थे। जिस स्कूल में हम शिफ्ट हुए थे, उसकी छत पर खड़े होकर ही मकानों को देखते रहते, लेकिन हमें सिर्फ चादरें (लोहे के टीन) ही दिख रही थी। तीन दिन बाद जब पानी उतरा, तो घर लौटे। खाने-पीने का कुछ भी सामान नहीं बचा। घर में एक-दो फीट कीचड़ था। इसे साफ करने में तीन-चार दिन बीत गए, पर अब भी कीचड़ की बदबू आ रही है। अब तक मदद भी नहीं मिली है। बच्चों को बुखार आ रहा है, लेकिन इलाज कराने का पैसा नहीं है।

बाढ़ का पानी उतरा तो घर-गृहस्थी उजड़ी हुई मिली। इलेक्ट्रॉनिक सामान खराब हो गया। खाने-पीने का सामान भी नहीं बचा।
बाढ़ काफी नुकसान दे गई
मोहन घनघोरिया की सड़क किनारे ही वेल्डिंग की दुकान है। बारिश की वजह से पानी में उनकी पूरी दुकान डूब गई थी। वे बताते हैं, बाढ़ काफी नुकसान दे गई। दुकान में रखी मशीनें खराब हो गईं। गांव के 50 से ज्यादा घरों में ऐसे ही हाल हो गए। पंखे, कूलर, फ्रीज सबकुछ खराब हो गए।
चार दिन कैसे बीते, नहीं बता सकते
राजेश मेहरा ने बताया कि बाढ़ की वजह से संभलने का मौका ही नहीं मिला। पत्नी और बच्चों के साथ दौड़ लगाकर भागे और स्कूल में शिफ्ट हो गए। चार दिन कैसे बीते, कुछ नहीं बता सकते। जल्दबाजी में सामान रेक पर रख दिया था, वह भी खराब हो गया। पूरी गृहस्थी ही उजड़ गई।

बारिश के बाद समरधा टोला गांव में जगह-जगह गंदगी पसर गई है। इससे बीमारियां फैलने लगी हैं। बच्चे बीमार हो रहे हैं।
कलियासोत नदी उफान पर आने से गांव टापू बना
समरधा टोला गांव भोपाल से 20 किलोमीटर दूर है। कलियासोत नदी के उफान पर आने से 22 से 24 अगस्त तक समरधा टोला गांव पानी में डूब गया। दोनों ओर से रास्ते बंद होने से गांव टापू में तब्दील हो गया था। वहीं, निचले इलाकों में पानी भरने से 50 से ज्यादा घर डूब गए थे। इस कारण डेढ़ सौ से अधिक लोगों को गांव के बाहर स्कूल में ठहराए गए थे। 25 अगस्त को पानी कम होने पर लोग घरों में लौटे, लेकिन तब तक सबकुछ तबाह हो चुका था। घर में भरे कीचड़ और बर्बाद गृहस्थी के सामान को देखकर लोगों की आंखों में आंसू आ गए। ट्रांसफार्मर में पानी भरने से एक दिन तक बिजली भी नहीं रही।
अभी भी बदबू मार रहे घर
लोगों ने भले ही घरों से कीचड़ साफ कर दिया हो, लेकिन अब भी घरों में से बदबू आ रही है। सरिता ने बताया, कीचड़ फैलने के बाद बीमारियां फैलने का भी डर है।

कलियासोत नदी उफान पर आने से घरों में पानी भर गया। दोनों ओर से रास्ता भी बंद हो गया। इस कारण गांव टापू बन गया था।
पहली बार देखी ऐसी बाढ़
समरधा टोला के लोगों ने बताया, पहली बार ऐसी बाढ़ देखी। कलियासोत डैम के सभी 13 गेट खुलने से नदी उफान पर आ गई। इससे पानी बढ़ता रहा, जो टोला तक आ गया। टोला से नदी करीब आधा किलोमीटर दूर है। बावजूद तेज बारिश की वजह से पानी टोला के घरों में भर गया।
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