शिवपुरी में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़: स्कूल में लटके मिले ताले, बच्चों को शिक्षकों का इंतजार

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शिवपुरी21 मिनट पहले

शिवपुरी जिले में लगातार शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आ रहीं हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग कितना सजग है, इसका एक उदाहरण खनियाधाना ब्लॉक के मसूरी गांव में देखा जा सकता है। जहां शिक्षा विभाग की पोल जिला पंचायत उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने ही खोल दी। दरअसल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने मसूरी गांव के शासकीय स्कूल का औचक निरीक्षण किया था जहां उन्हें स्कूल में ताले लगे हुए थे और बच्चे बाहर बैठकर शिक्षकों का इंतजार करते नजर आए।

स्कूल में ताले बच्चे बस्ता लेकर बैठे मिले बाहर

जानकारी के अनुसार जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं शिक्षा समिति के अध्यक्ष अमित पडरिया अचानक से खनियाधाना ब्लॉक के मसूरी गांव पहुंच गए। जहां उनके द्वारा मसूरी गांव में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि स्कूल में ताला लगा हुआ है और बाहर बच्चे बस्ता लेकर शिक्षकों के आने का इंतजार कर रहे थे। स्कूल में ना ही तो प्रधानाचार्य मौजूद थे और ना ही प्राचार्य।

मौके से ही अमित ने संबंधित अधिकारियों को फोन लगाया और स्कूल ना खोलने की शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई करने की बात कही। अमित का कहना है कि वह स्कूल सुबह10:52 पर पहुंचे थे जबकि स्कूल के खुलने का समय सुबह का है। इसके बावजूद भी स्कूल में ताले डले हुए थे और बच्चे बाहर बैठे हुए थे। मसूरी के माध्यमिक विद्यालय के बच्चों के साथ स्कूल के शिक्षकों के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है इसके साथ ही उन्हें इस स्कूल से मध्यान भोजन ना वितरित करने की भी शिकायत मिली थी इसी के चलते वह औचक निरीक्षण करने मसूरी के माध्यमिक विद्यालय पहुंचे थे। जहां उन्हें स्कूल के दरवाजे पर ताले लटके हुए मिले।

सूचना मिलते ही मसूरी गांव के सरपंच धनपाल सिंह यादव भी पहुंचे। जिन्होंने बताया कि स्कूल में इसी प्रकार से मनमानी की जा रही है इसकी शिकायत उन्होंने भी दर्ज कराई थी, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई। अमित ने संकुल प्रभारी राकेश भार्गव से फोन पर बात की। जिसमें राकेश ने बताया कि स्कूल की प्रधानाचार्य साधना सोनी हादसे का शिकार होने के बाद अभी अवकाश पर हैं। हालांकि दो अतिथि शिक्षक इस स्कूल में पदस्थ हैं, उन्होंने स्कूल में आकर स्कूल को क्यों नहीं खोला इसकी वह जांच कर कार्रवाई करेंगे। जब डीपीसी शिवांगी अग्रवाल से जब फोन पर बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे खिलबाड़ के वारे में जानकारी लेनी चाही तो सम्भवत व्यस्तता के चलते उन्होंने अपना फोन रिसीव नहीं किया।

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