स्वच्छ होंगे गांव: 45 गांवों में छोटे ट्रीटमेंट प्लांट तैयार, ओडीएफ के बाद 218 गांव मार्च तक ओडीएफ प्लस घोषित होंगे

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इंदौर21 मिनट पहलेलेखक: अभिषेक दुबे

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बांक पंचायत में तेजी से काम जारी है - Dainik Bhaskar

बांक पंचायत में तेजी से काम जारी है

  • शहर के बाद अब जिले के गांवों पर फोकस, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत
  • मार्च 2023 तक जिले के 218 गांवों के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया

स्वच्छ भारत मिशन में इंदौर शहर के लगातार पांच बार नंबर-1 आने के बाद जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत गांवों में ठोस व गीले कचरे के प्रबंधन पर काम शुरू किया है। इसके लिए 218 ऐसे गांवों को चिह्नित किया है, जिनकी आबादी या तो 500 से कम या फिर 2 हजार से ज्यादा है। इन गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित करने के बाद जिला प्रशासन प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में भी काम करेगा।

जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा ने बताया कि मार्च 2023 तक जिले के 218 गांवों के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। इन गांवों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर उसका निपटान किया जाएगा। कुछ पंचायतों ने ओडीएफ प्लस के लिए काम शुरू भी कर दिया है। इसके तहत गांवों में स्थित तालाब, नाले और नदियों को कचरामुक्त करने के साथ ही ऐसी व्यवस्था करेंगे कि वहां ग्रामीण कचरा न फेंकें। भविष्य में घरों से निकलने वाले पानी को नदियों और नालों में मिलने से पहले साफ करेंगे। इन गांवों को दूसरे फेस के तहत ओडीएफ प्लस घोषित किया जाएगा।

काली बिल्लौद में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू

पंचायतों की पहल से जिले की 120 पंचायतों में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू हो गया है। वहीं, 45 गांवों में छोटे लेवल के ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो गए हैं। इनमें से 15 गांवों में बने ट्रीटमेंट प्लांट ने कचरे के निपटान का काम कराना शुरू भी कर दिया है। कई गांवों में सेग्रीगेशन शेड भी बनाए जा रहे हैं। काली बिल्लौद में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया गया है, जो देश का पहला कार्यकारी ट्रीटमेंट प्लांट है।

ग्रामीणों और एनजीओ की मदद लेंगे

इन गांवों को ओडीएफ प्लस बनाने के लिए ग्राम पंचायत, ग्रामीणों और एनजीओ की मदद ली जाएगी। सरकार इन गांवों के लिए 45 रुपए प्रति व्यक्ति ठोस कचरे और 280 रुपए प्रति व्यक्ति लिक्विड कचरे के निपटान के लिए फंड देगी।

  • 120 पंचायतों में कचरा कलेक्शन शुरू
  • 45 गांवों में छोटे ट्रीटमेंट प्लांट तैयार
  • 15 गांवों में कचरा निपटान शुरू

ऐसे बनेंगे ओडीएफ प्लस

इनके लिए 7 जरूरी मापदंड हैं। गांव के सभी घरों में शौचालय होना और उनका उपयोग करना। 100 से अधिक घरों वाले गांवों में जरूरत अनुसार सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण। सभी सरकारी भवन, स्कूल, आंगनवाड़ी आदि में शौचालय होना सुनिश्चित करना। जैविक कचरे और ग्रे-वॉटर के प्रबंधन के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना। स अपशिष्ट प्रबंधन की क्रियाशील प्रणाली तैयार करना। { सभी सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता सुनिश्चित हो। { सार्वजनिक स्थलों पर ओडीएफ प्लस के संदेश लिखे होंगे।

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