हसीना मामले में जेल प्रहरी ने का चौंकाने वाला खुलासा: जानिए जेल के उन तीन किरदारों के बारे में जिनके आसपास घूम रहा साजिश का पूरा सच

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इंदौरएक घंटा पहले

इंदौर की जिला जेल में महिला कैदी पायल सैमुअल उर्फ हसीना के पास से मोबाइल जब्त होने की कहानी में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। भास्कर ने जब इस मामले में सस्पेंड की गई जेल प्रहरी और महिला बैरक की प्रभारी से बात की तो दोनों ने कई चौकानें वाली जानकारियां दी। भास्कर की पड़ताल जेल के डिप्टी जेलर भी घिरते नजर आ रहे हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं इस पूरे कांड से जुड़े तीनों किरदारों की वो कहानी, जिससे पता चलता है कि बात सिर्फ जेल में मोबाइल मिलने तक सीमित नहीं है।

सबसे पहले बात उस रूबीना दिलावर खान की जिसने चैकिंग के दौरान हसीना के सैनिटरी पैड से जब्त किया था मोबाइल…

रूबीना ने श्वेता और डिप्टी जेलर पर लगाए गंभीर आरोप
आठ महीने पहले ही पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिलने पर रूबीना दिलावर खान की पहली पोस्टिंग इंदौर जिला जेल में हुई। हसीना कांड में रूबीना ने सस्पेंड होने के बाद पहली बार अपनी बंद जबान खोली है। रूबीना के मुताबिक वह तो सिर्फ अपने अधिकारियों के आदेश का पालन कर रही थी। उसने अपने बयानों में वरिष्ठ अधिकारियों को महिला सेल में चल रही गड़बड़ी के बारे में बताया। उसने अधिकारियों को कई सबूत दिए है। जिनमें पायल और उसके पिता की चैट भी शामिल है। इस चैट में दोनों के बीच डिप्टी जेलर आलोक वाजपेयी,श्वेता मीणा सहित तीन लोगों के नाम लिखे हैं।

पायल सैमुअल उर्फ हसीना पर ये हैं आरोप।

पायल सैमुअल उर्फ हसीना पर ये हैं आरोप।

जेल में दो महीने से मोबाइल चला रही थी पायल

रूबीना ने बताया कि मोबाइल जब्त होने के एक दिन पहले ही श्वेता ने पायल से रुपये की मांग की थी। पायल ने अपने पिता से की गई चैट में भी इस बात का उल्लेख किया है। रूबीना ने कहा कि पायल जेल के अंदर दो माह से मोबाइल चला रही थी। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि अंदर एक सुई भी गिर जाए, तो जेल प्रशासन को पता चल जाता है। जबकि पायल इतने दिन तक मोबाइल चलती रही, यह सब किसके आदेश से चल रहा था।

यहां जान लीजिए आखिर कौन है हसीना

हसीना मूलत: मंडीदीप, रायसेन की रहने वाली है। उसने B.tech के लिए मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल में दाखिला लिया, मगर अंतिम वर्ष में पढ़ाई छोड़ दी थी। उसने वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक कुछ मीडिया हाउस में नौकरी की थी। अमीर बनने के लिए हसीना ने ठगी करना शुरू कर दिया था। उसने भोपाल के व्यवसायी से ऑयल केन्स खरीदी थीं और चेक दिया था। चेक बाउंस हो गया। इस मामले में गिरफ्तार भी हुई। तीन महीने जेल में रही। इसी बीच हसीना की शादी NRI से शादी हो गई। वह अपने पति के साथ विदेश जाकर बस गई थी। हसीना बेटा अभी कॉलेज में है। पिता भेल से सीनियर पद से रिटायर हैं और मां भोपाल में लैब टेक्नीशियन है।

डेढ़ साल में 7 कारोबारियों से करोड़ों की ठगी

हसीना ने डेढ़ साल में भोपाल, इंदौर, मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव, जबलपुर समेत अन्य महानगरों के 7 कारोबारियों से सिलसिलेवार ठगी को अंजाम दिया। वह खुद को कारोबारियों से मल्टीनेशनल कंपनी, विदेश न्यूज चैनल की सीईओ बताकर ठगी करती रही। उसके कारनामों पर 2018 में दिल्ली पुलिस ने लगाम लगा दी थी। फरवरी 2019 में टीटी नगर भोपाल पुलिस तिहाड़ जेल दिल्ली से उसे वारंट पर भोपाल लेकर आई। पूछताछ में उसने करीब दो करोड़ रुपए की ठगी करना कबूला था। भोपाल के गोविंदपुरा और टीटी नगर थाने में उसके खिलाफ जालसाजी के दो केस दर्ज हैं।

जेल के महिला सेल के अंदर के हालात को लेकर रूबीना ने किया अहम खुलासा…

भय्यू महाराज केस की आरोपी पलक करती है नए कैदियों की पिटाई, अर्चना कराती है सेटिंग

रूबीना के मुताबिक महिला जेल वार्ड की अर्चना चौहान, भय्यू महाराज मामले में बंद आरोपी पलक और महिला सेल की बैरक प्रभारी श्वेता ने पूरा महिला वार्ड बेच दिया है। यहां मैट्रन अर्चना से पलक पूरी सेटिंग कराती है। वही नए कैदियों को डराने-धमकाने और सेटिंग कर रुपए देने के लिए मजबूर करती है। इसके लिए पलक ही नए कैदियों से मारपीट भी करती है।

पिता तक पहुंचाई थी पायल की चिट्‌ठी

रुबीना ने बताया कि उसने पायल से एक चिट्‌ठी लेकर उसके पिता तक पहुंचाई थी। जिसमें जेलर ठाकुर से मिलने की बात कही थी। रूबीना ने यह भी बताया कि उसने बैरक को लेकर मुख्यालय को भी शिकायत भेजी थी। जिसमें यहां महिला कैदियों से किस तरह से रुपये की मांग की जाती है। उन्हें डराया-धमकाया जाता है। इसके साथ ही रूबीना ने यह भी बताया कि उनके मामले में कंट्रोल रूम प्रभारी के भी बयान हुए। उन्होंने सभी सीसीटीवी देखने की बात भी। रुबीना के अनुसार वो कभी मोबाइल लेकर अंदर ही नही गई।

बकौल रूबीना सिर्फ मोबाइल नहीं और भी बहुत कुछ दिया था पायल ने, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट…

डिप्टी जेलर के घर से आया था मोबाइल
रूबीना ने यह भी बताया कि पायल के पास जो मोबाइल आया था वह किसी कनिष्का नाम की लड़की ने डिप्टी जेलर आलोक वाजपेयी के यहां पहुंचाया था। मोबाइल जेलर के घर से सेल के अंदर पहुंचा था। वह यह बात भी जांच के दौरान अपने बयानों में बता चुकी है। रूबीना ने बताया कि पायल से रुपये के अलावा साड़ी,कपड़े, रिबॉक के जूते और टाइटन की घड़ी सहित अन्य सामान भी जेल के लोगो ने लिया है। लेकिन उक्त मामले में बयान के बाद भी बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नही हुई।

अब पढ़िए, इस पूरे मामले पर महिला बैरक प्रभारी श्वेता मीणा ने दी कौनसी जानकारी…
रूबीना के अकाउंट में पायल के परिवार के लोगों ने ट्रांसफर किए रूपए
इस मामले में महिला बैरक की महिला श्वेता मीणा ने बताया कि उन्होंने तो रूबीना की चोरी पकड़ी है। अब वह फंसने के डर से उनका झूठा नाम फंसा रही है। रूबीना के अकाउंट में पायल के परिवार के खातों से रुपये ट्रांसफर हुए है। जांच में भी यह बात सिद्ध हो गई है। रूबीना उसे हर चीज उपलब्ध कराती थी। जांच में यह बात साबित हो जाएगी। पायल का मोबाइल,सिम जांच के लिए गई है। वह किसके नाम से चल रहा था। यह भी पता चलेगा। वह कैदियों से अपने मन माफिक काम करवाती थी।

डिप्टी जेलर आलोक वाजपेयी का पक्ष भी जान लीजिए…
मैं कनिष्का को नहीं जानता,पायल के पिता से भी नही मिला
जिला जेल में महिला वार्ड के प्रभारी डिप्टी जेलर आलोक वाजपेयी ने बातचीत में बताया कि रूबीना किस कनिष्का का नाम ले रही है मैं नहीं जानता। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के सामने रूबीना के बयान हो गए हैं। जिसमें इस तरह की कोई बात सामने नही आई। डिप्टी जेलर के मुताबिक वह अभी तक पायल के पिता से भी कभी नही मिले हैं। जेल में जो भी हुआ वह महिला अधिकारी श्वेता और रूबीना दिलावर खान ने किया है। जिस पर कार्रवाई हो गई है।

श्वेता के सिवनी-मालवा ट्रांसफर की है अलग कहानी

महिला कैदी पायल उर्फ हसीना सैमुअल के पास से जेल के बाथरूम से मोबाइल पकड़ने वाली महिला बैरक की अधिकारी श्वेता मीणा का भी सिवनी मालवा ट्रांसफर कर दिया गया है। जेल प्रशासन की ओर से डिप्टी जेलर आलोक वाजपेयी ने इस बात की पुष्टि की है। उनके मुताबिक पूर्व में पेंडिंग पड़े आदेश को लेकर कार्रवाई की गई है। वही श्वेता ने बताया कि उनकी तैनाती सिवनी मालवा में ही थी।लेकिन वह यहां अधिकारियों के आदेश पर नौकरी कर रही थी। उन्हें वहां वापस भेजा गया है। इधर पायल को जिला जेल से प्रदेश की किसी अन्य जेल में शिफ्ट करने के लिए भी मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।

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