वन कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन: DFO को लौटाए शस्त्र और प्रशस्ति पत्र, कहा- वनों की रक्षा हम करें, हमारी रक्षा कौन करें?

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सीधीएक घंटा पहले
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वन कर्मियों पर कार्रवाई के विरोध में शनिवार को जिले के वन कर्मियों ने राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपा है। साथ ही हुए त्वरित न्याय की गुहार लगाकर कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो जंगल और वन्य प्राणियों को होने वाले नुकसान को रोक पाना निकट भविष्य में संभव नहीं है।
पंकज मिश्रा जिला अध्यक्ष मप्र वन कर्मचारी संघ ने बताया कि शनिवार को वन कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए वन मंडल कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक कतार बद्ध होकर आक्रोश प्रदर्शन किया। साथ ही नारे लगाए गए कि वनों की रक्षा हम करें, हमारी रक्षा कौन करें? उसके बाद राज्यपाल के नाम के ज्ञापन सौंपकर वनकर्मी वन मंडल कार्यालय पहुंचे, और डीएफओ सीधी क्षितिज कुमार को शस्त्र और मिले प्रशस्ति पत्र लौटाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
यह है पूरा घटना क्रम
मप्र वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पंकज मिश्रा ने बताया कि विगत दिनों वन मंडल विदिशा, गुना, इंदौर, सीधी में वन सुरक्षा के दौरान वनकर्मियों पर हमला हुए हैं। यहां प्रशासन ने बिना न्यायायिक जांच के वन कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह नियम विरुद्ध और निदंनीय है। पंकज मिश्रा ने बताया कि 9 अगस्त को वन परिक्षेत्र लटेरी सामान्य वन मंडल विदिशा के वन अमले को इस आशय की सूचना प्राप्त हुई कि तिलोनी के जंगल में 25 -30 लोग सागौन की इमारती लकड़ी काटकर बाइक से निकल रहे हैं। सूचना के आधार पर वन कर्मचारी लटेरी के अमले के साथ अपराधियों को पकड़ने पहुंचे। वन अमले का सामना बाइक सवार सागौन चोरों से हुआ। इसके बाद सागौन चोरों ने वन अमले को घेर कर जान लेवा हमला कर दिया। तब आत्मरक्षार्थ अमले को हवाई फायर करना पड़ा। वे मौके से हवाई फायर करते हुए अपनी जान बचाकर थाना लटेरी पहुंचे। वन अमले ने अपराधियों के विरुद्ध FIR दर्ज करने के लिए थाना प्रभारी थाना लटेरी से कहा था। किंतु, थाना प्रभारी ने किसी प्रकार का कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया है। हवाई फायर के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। तब लटेरी थाना प्रभारी ने वन कर्मचारियों पर 302 का प्रकरण दर्ज कर लिया, जबकि सागौन चोरों ने ही पहले जान लेवा हमला किया था। ऐसे में अपराधियों पर FIR ना करते हुए वन अमले पर अपराध कायम करना न्याय सिद्धान्त के विपरीत है।
TI ने नियम विरूद्ध कार्यों को दिया अंजाम
पंकज मिश्रा ने बताया कि मप्र शासन गृह पुलिस विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल ने पत्र क्रमांक एफ -13-102/2010/बी-1/दो, भोपाल 12 अक्टूबर 2012 एवं पत्र क्रमांक एफ-12-14/2011/बी-1/दो भोपाल 27 जून 2011 में स्पष्ट किया है। इस प्रकार मप्र शासन गृह विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल ने 11 जून 1996 को आदेश जारी किया है कि वन रक्षक उससे उच्च वन अधिकारी यदि अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के दौरान अग्नेय शस्त्र का उपयोग/चालन करते है तो ऐसे मामलों में वन रक्षक या उससे उच्च वन अधिकारी के नाम दर्ज कराई गई FIR में पुलिस तब तक संज्ञान में नहीं लेगी जब तक कि जिला दंडाधिकारी द्वारा आदेशित दंड अधिकारी जांच में यह सिद्ध नहीं हो जाता है कि अग्नेय शस्त्र का उपयोग आवश्यक अकारण अथवा आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग करने के लिए किया है।
राज्यपाल से लगाई गुहार
पंकज मिश्रा ने बताया कि राज्यपाल के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि वन अमले पर दर्ज FIR की धारा 302, 307 एवं 34 भादवि को मप्र शासन गृह पुलिस विभाग मंत्रालय भोपाल ने जारी आदेश के परिपेक्ष्य में प्रकरण खत्म करें और वन हानि की वसूली वन कर्मचारियों से न की जाए। पूरे प्रदेश में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पेड़ों की कटाई से वन कर्मचारियों से वसूली न हो, ऐसा आदेश जारी करने के निर्देश दिया जाए। जिससे निडर होकर वन कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन करता रहे।
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