चंबल में घटने लगा जलस्तर: रात में डेढ़ मीटर उतरा पानी, अभी भी खतरे के निशान से 9 मीटर ऊपर

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भिंड4 मिनट पहले
चंबल नदी में उफान।
चंबल नदी में आई बाढ़ के कारण चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। पिछले चार दिन से 25 गांव के लोगों की सांसें चंबल के जलस्तर को देखते हुए अटकी हुई है। चंबल खतरे के निशान से 9 मीटर अधिक बह रही है। हालांकि अब राहत दिखती नजर आ रही है। चंबल का जलस्तर रातभर में डेढ़ मीटर कम हुआ है। शाम तक जलस्तर में गिरावट होगी।
पार्वती में घटा पानी, चंबल भी उतरने लगी
जल संशाधन विभाग से मिली जानकारी के चंबल ने पिछले पचास साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। इस बार चंबल का जलस्तर अधिकतम 129.91 मीटर तक बीती रात के समय तक पहुंच चुकी थी। शनिवार की सुबह चंबल का जलस्तर 128.49 मीटर हो गया। अब नदी में करीब डेढ़ मीटर पानी उतर गया। हालांकि चंबल में खतरे के निशान से नौ मीटर अधिक बनी है। क्योंकि चंबल का खतरे का निशान उदी घाट पर 119 मीटर के आस पास है। जबकि सुबह दस बजे नदी का जलस्तर 128.49 मीटर नापा गया था। इस तरह डेढ़ मीटर बाढ़ का पानी सीधे तौर पर कम हो गया। जल संसाधन विभाग के अफसर नरेश पाल सिंह का कहना है कि चंबल के रौद्र रूप का कारण पार्वती नदी बना हुआ था। राजस्थान से श्योपुर की ओर बहने वाली पार्वती नदी में इस बार बाढ़ का पानी अधिक रहा। पार्वती नदी खतरे के निशान से दस मीटर अधिक गई। पिछले दस घंटे में पार्वती नदी का जलस्तर कम हुआ है। पार्वती नदी खतरे के निशान से पांच मीटर नीचे हो गई। इस वजह से पार्वती नदी का आने वाला पानी चंबल में धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस वजह से चंबल नदी में बाढ़ का जलस्तर कम होने लगा है।
चंबल नदी का बहाव 4 से 5 Km तक फैला
भिंड जिले के अटेर कस्बे से करीब चार किलोमीटर दूर चंबल नदी स्थित है। अटेर कस्बे तक चंबल का पानी दो रोज पहले पानी आ गया था। भिंड से अटेर तक का मुख्य सड़क भी तालाब में बदल चुकी थी। सड़क पर दो से ढाई फीट तक पानी भर गया था। जल संसाधन विभाग के अफसरों के मुताबिक चंबल नदी अपनी मूलधारा से 4 से 5 किलोमीटर तक फैलाव के साथ बह रही थी। चंबल ने अटेर कस्बे के 25 गांव को सीधे तौर पर प्रभावित किया था। जिसमें मुकुटपुरा, नावली वृंदावनी देवालय गांव टापू बन चुके थे। इन गांव वासियों को एनडीआरएफ और एसडीआरफ के जवानों ने राहत सामग्री उपलब्ध कराई।
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