शाह के जाने पर बदली मंत्रीजी की तस्वीर…: नाराजगी में सोशल मीडिया पर दिया जवाब; जानिए 10 मिनट में ऐसा क्या हो गया

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भोपाल44 मिनट पहलेलेखक: राजेश शर्मा

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प्रशंसा किसे पसंद नहीं…, प्रशंसा होने पर लोग फूले नहीं समाते। एमपी में ‘सरकार’ के एक खास अफसर के कुछ ऐसे ही हाल हैं। हाल ही में कारम डैम फूटने का संकट मंडराया तो इस अफसर ने ‘सरकार’ के कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। सूबे में बाढ़ के हालात बनने पर दिन-रात काम किया। जिस पर एक बैठक के दौरान ‘सरकार’ ने इनकी तारीफों के पुल बांध दिए। फिर क्या था, बैठक खत्म होते ही अफसर के पास बधाइयों का तांता लग गया। एक अफसर ने तो उन्हें ‘सरकार’ का संकट मोचक तक बता दिया। सुना है कि इस अफसर की तारीफ बिरादरी के कुछ लोगों को हजम नहीं हो रही है, क्योंकि सरकार के हर बड़े फैसले में इस अफसर की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका रहती है। इनके बारे में कहा जा रहा है कि वे अगले मुख्य सचिव बनने वालों की रेस में अपने आप को सबसे आगे मानकर चल रहे हैं।

और 10 मिनिट में बदल गई पिक्चर… वह भी गायब

भोपाल आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को विदा करते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्टेट हैंगर पर बाढ़ के हालात की समीक्षा बैठक की। जैसे ही बैठक शुरू हुई ‘सरकार’ की तरफ से सोशल मीडिया पर एक फोटो जारी किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और 3 मंत्रियों के साथ मुख्य सचिव व डीजीपी दिखाई दिए। लेकिन नाम सिर्फ एक मंत्री का दिया। 10 मिनट बाद इसमें बदलाव कर एक और मंत्री का नाम जोड़ दिया गया। एक मंत्री का नाम फिर भी नहीं दिया गया।

सुना है कि जिस मंत्री का नाम जोड़ा गया था, वह दिल्ली के करीब हैं। यही वजह है कि ‘सरकार’ की तरफ से चूक मानते हुए बदलाव किया। हालांकि कुछ देर बाद दोनों पिक्चर को ही हटा दिया गया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इस मंत्री ने जवाबी हमले के तौर पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक फोटो शेयर की, जो राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा में रही। बता दें, यह वही पिक्चर है, जिसमें अमित शाह भोपाल से दिल्ली रवाना होने से पहले स्टेट हैंगर पर नेताओं का शुक्रिया अदा करते दिखाई दे रहे हैं।

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BJP की नजर अब 35 साल से कम उम्र के पार्षदों पर

दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी लगातार संगठन को मजबूत करने और अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है। इसके लिए वो विरोधी दलों के नेताओं को अपने पाले में लाने से भी गुरेज नहीं करती। बीजेपी की एक नई कवायद को भी इसी नजरिये से देखा जा रहा है। दरअसल, बीजेपी की नजर अब युवा पार्षदों पर है। भले ही वे किसी भी पार्टी के हों। सरकार एक ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार करवा रही है। इसके लिए नगर निगम, नगर पालिकाओं के नव नियुक्त ऐसे पार्षदों की सूची तैयार हो रही है, जिनकी उम्र 35 साल से कम है। यह सूची चार इमली भोपाल में रहने वाले एक मंत्री के बंगले में तैयार हो रही है।

सुना है कि यह जिम्मेदारी संगठन ने संघ में बनी रणनीति के तहत सरकार को दी है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि बीजेपी युवा पार्षदों की काबलियत को पहचान कर उन्हें तराशना चाहती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस ट्रेनिंग की आड़ में निर्दलीय खासकर विपक्षी दल के युवा नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश है।

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दूसरों को टेंशन देने वाले को शांति की तलाश

प्रमुख सचिव स्तर के एक आईएएस अफसर को लेकर मंत्रालय में चर्चा है कि साहब अपने अधीनस्थों को बहुत टेंशन देते हैं। वे जिस कुर्सी पर बैठे हैं, वहां हर विभाग के अफसरों को जाना पड़ता है। साहब अपने चैंबर का दरवाजा भी खुला रखते हैं। जब वह किसी को डांटते-फटकारते हैं तो बाहर तक आवाज आती है। कई बार तो उस कॉरिडोर से आने-जाने वाले भी रुककर देखने लगते हैं। अंदर की खबर यह है कि साहब दूसरों को तो टेंशन देते हैं। लेकिन खुद ने शांति की तलाश में दक्षिण भारत के एक नामी मेडिटेशन सेंटर का रुख कर लिया है। वह हाल ही में यहां 10 दिन का कोर्स करके लौटे हैं। बता दें, ये वही अफसर हैं, जिसको लेकर एक महिला आईएएस अफसर ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर हंगामा खड़ा कर दिया था।

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मंत्रीजी भी नहीं बचा पाए कॉलेज की मान्यता

हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी गई है। इस सूची में एक कॉलेज का नाम देखकर नेता से लेकर अफसर तक अवाक रह गए। वजह यह है कि यह कॉलेज मंत्रीजी की सरपरस्ती में चल रहा था। चूंकि कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया था, इसलिए कॉलेजों की जांच करने बनाई गई कमेटी ने मंत्रीजी की एक ना सुनी।

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