जांजगीर-चांपा में पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल — 78 लाख की लूट अनसुलझी, खेतों में लाखों का जुआ फड़ बेखौफ जारी

जांजगीर-चांपा, 1 दिसंबर 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायपुर में आयोजित 60वीं अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस में पुलिस की छवि सुधारने पर दिए गए संदेश के बाद भी जांजगीर-चांपा जिले की स्थिति उलटी तस्वीर पेश कर रही है। एक ओर नौ महीने बीतने के बाद भी 78 लाख रुपये की लूट और गोलीकांड की गुत्थी पुलिस के हाथ नहीं लगी, वहीं दूसरी ओर खेतों में लाखों के दांव पर चलने वाला जुआ कारोबार पुलिस की गश्त के बावजूद लगातार सक्रिय है।
पिसौद, पीथमपुर, उदयबन सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में शाम होते ही जुआ फड़ सजने की शिकायतें आम हैं। वायरल वीडियो में खेतों के बीच खेले जा रहे जुए के दृश्य साफ दिखाई देते हैं, जहां मोटरसाइकिलों की कतार और लाखों के दांव की बातें स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार पुलिस की कार्रवाई अस्थायी साबित होती है—फड़ बंद होता है और अगले दिन नई जगह फिर खुल जाता है।
जिले में पूर्व में कई छापेमारियां भी की गईं। अक्टूबर 2025 को रमन नगर में 8 जुआरियों की गिरफ्तारी व 20 लाख की बरामदगी, पीथमपुर में 10 गिरफ्तारियां, पामगढ़ व चांपा क्षेत्र में कई छोटे-बड़े फड़ पकड़े गए। फिर भी नेटवर्क ज्यों का त्यों खड़ा है। चुनाव के बाद मुलमुला सहित कई इलाकों में जुआ फिर से सक्रिय हो गया है।
इसी बीच 14 जनवरी 2025 की 78 लाख रुपये की लूटकांड और गोलीबारी पुलिस की निष्प्रभावी जांच का बड़ा उदाहरण बन चुकी है। सरकारी शराब दुकान के बाहर कलेक्शन टीम से बैग लूटकर बाइक सवार बदमाश फरार हो गए थे। तत्कालीन एसपी विवेक शुक्ला और बाद में नए एसपी विजय पांडे के कार्यकाल में कई जिलों में दबिश, CCTV स्कैनिंग, संदिग्धों के स्केच, 5 लाख के इनाम के बावजूद अब तक एक भी पुख्ता सुराग नहीं मिला।
जब बड़ा अपराध सुलझे नहीं और छोटे अपराध थमते नहीं, तब पुलिस की छवि पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा था—पुलिस को जनता का विश्वास अर्जित करना चाहिए। किंतु विश्वास न भाषण से लौटता है और न बयान से, वह परिणामों से स्थापित होता है।
जांजगीर-चांपा में जनता के बीच भरोसा तभी लौटेगा जब 78 लाख लूटकांड पर निर्णायक सफलता मिले और जुआ नेटवर्क पर स्थायी कार्रवाई की जाए। सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवालों का जवाब केवल ठोस परिणाम ही दे सकते हैं, अब जांजगीर पुलिस के सामने यही सबसे बड़ा परीक्षण है।




