कोरबा वन मंडल में 51 हाथियों का आतंक: चार झुंडों में बंटकर फसलों को किया बर्बाद, किसानों में दहशत

कोरबा। कोरबा वन मंडल में इन दिनों हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में घूम रहे 51 हाथी अब चार अलग-अलग झुंडों में विभाजित हो गए हैं, जो कई ग्रामों में पहुंचकर किसानों की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों की बढ़ती गतिविधियों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वन विभाग की टीमें इनकी लगातार निगरानी कर रही हैं और नुकसान पहुंचाने वाले झुंडों को जंगल की ओर खदेड़ने की कार्रवाई की जा रही है।

सबसे बड़ा नुकसान बांधापाली गांव में सामने आया, जहां हाथियों के एक झुंड ने किसान भीखाराम राठिया की झोपड़ी को उखाड़ फेंका और 20 एकड़ से अधिक धान की फसल को चौपट कर दिया। भीखाराम ने बताया कि हाथी आमतौर पर जंगल से करीब 2 किलोमीटर दूर रहते हैं, लेकिन भोजन की तलाश में निकलते समय जोर से चिंघाड़ते हैं। इसी कारण शाम 4 बजे के बाद किसान खेतों को छोड़कर घर लौट आते हैं।
उधर, करतला रेंज के बेहरचुंआ और केराकछार में विचरण कर रहे 9 और 19 हाथियों का झुंड अब एक साथ हो गया है, जिससे इलाके में खतरा और बढ़ गया है। वहीं, कोटमेर क्षेत्र में घूम रहे 10 हाथियों ने तुरींकटरा और सुईआरा गांव में धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
कोरबा रेंज के दरगा में घूम रहे 10 हाथी, चचिया के दो हाथियों के साथ मिल गए हैं। दूसरी ओर, कुदमुरा रेंज के गीतकुंवारी के लाबेद क्षेत्र में एक दंतैल हाथी अकेले घूम रहा है। झुंडों के अलग-अलग हो जाने और कई स्थानों पर फैलने से वन विभाग के अमले को उनकी निगरानी में लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने की कार्रवाई कर रही है। हालांकि, बढ़ते खतरे और फसलों की बरबादी को देखते हुए किसान मजबूरी में अपनी अधपकी फसल भी काटने लगे हैं, ताकि आगे होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
ग्रामीणों का कहना है कि लगातार हाथियों की आवाजाही से रात भर जागकर पहरा देना पड़ रहा है। वन विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और हाथियों से दूरी बनाए रखने की अपील की है।




