वाहन लोन लेने वालों की अपेक्षाओं में बड़े बदलाव: ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप बैंकिंग सेवाओं में बढ़ा फोकस

प्रेमकुमार, बिज़नेस हेड- वाहन वित्त, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के अनुसार भारतीय वाहन खरीदारों की प्राथमिकताएँ तेजी से बदल रही हैं। आज वाहन का मालिक होना सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और प्रगति का प्रतीक बन चुका है। इसी के साथ अब ग्राहक वाहन ऋण को भी तेज, सरल और अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप चाहते हैं। बैंक और वित्तीय संस्थाएं भी आधुनिक ग्राहक की इन अपेक्षाओं के अनुरूप अपने मॉडल और प्रक्रियाओं को बदल रही हैं।
महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बढ़ती मांग भी वाहन ऋण के पैटर्न में परिवर्तन ला रही है। कम रखरखाव लागत और राज्यों में ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी इनके प्रति रुचि बढ़ा रही है। ग्रामीण इलाकों में भी ईवी को किफायती और टिकाऊ विकल्प के रूप में तेजी से स्वीकार किया जा रहा है।
वाहन ऋण लेने वालों की अपेक्षाओं में आए शीर्ष बदलाव और बैंकिंग क्षेत्र की प्रतिक्रिया इस प्रकार है—
कम डाउन पेमेंट और जोखिम-आधारित ब्याज दरों की मांग बढ़ी
ग्राहक अब समझते हैं कि उनकी क्रेडिट प्रोफाइल उनकी EMI और ब्याज दरों को सीधे प्रभावित करती है। इसलिए वे कम डाउन पेमेंट, लचीली ईएमआई और क्रेडिट स्कोर के अनुसार तय होने वाली ब्याज दरों की उम्मीद करते हैं। जोखिम-आधारित मूल्य निर्धारण मॉडल के जरिए अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को कम ब्याज दरों और अधिक लोन-टू-वैल्यू (LTV) का लाभ मिलता है। इससे उच्च मूल्य वाले वाहन भी कम किस्तों में खरीदना आसान हो गया है।
लचीला पुनर्भुगतान और कम प्री-क्लोजर शुल्क
ग्राहक कठोर भुगतान संरचना की बजाय ऐसा ऋण चाहते हैं जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति के अनुरूप बदलाव की गुंजाइश हो। वे लंबी या छोटी अवधि का चुनाव करने के साथ-साथ बिना भारी शुल्क के ऋण को समय से पहले बंद करने की सुविधा चाहते हैं। कई स्मॉल फाइनेंस बैंक कम या शून्य प्री-क्लोजर शुल्क के साथ लचीले पुनर्भुगतान विकल्प दे रहे हैं, जिससे ग्राहकों में विश्वास और सुविधा बढ़ रही है।
तेज़ और तत्काल ऋण स्वीकृति
डिजिटल युग में ग्राहक हर प्रक्रिया को तेज़ देखना चाहते हैं। इसी क्रम में वाहन लोन स्वीकृति भी तुरंत होने की अपेक्षा बढ़ी है। स्वचालित स्कोरिंग और मजबूत क्रेडिट इंजनों की मदद से कई बैंक अब कुछ ही मिनटों में ऋण पात्रता तय कर स्वीकृति दे देते हैं। इससे ग्राहकों की खरीद प्रक्रिया सरल और तेज हो गई है।
पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस प्रक्रिया की ओर कदम
डिजिटलीकरण ने ग्राहक अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है। अब बायोमेट्रिक केवाईसी, ई-सिग्नेचर और डिजिटल स्टैंपिंग जैसी प्रक्रियाएं आम हो गई हैं। कई स्मॉल फाइनेंस बैंक Aadhaar आधारित सेवाओं के ज़रिए कागजों को लगभग खत्म कर रहे हैं। इसके अलावा, वीडियो-आधारित संपर्क सत्यापन (सीपीवी) भी तेजी से अपनाया जा रहा है, जिससे समय और लागत दोनों की बचत हो रही है।
उसी दिन संवितरण और वाहन डिलीवरी की बढ़ी अपेक्षा
ग्राहक वाहन खरीद प्रक्रिया को भी किसी अन्य खरीदारी की तरह त्वरित देखना चाहते हैं। इसलिए बैंक स्वीकृति के तुरंत बाद सीधे डीलर को फंड भेजकर उसी दिन वाहन डिलीवरी की सुविधा बढ़ा रहे हैं। कई जगहों पर तेज RTO प्रक्रियाओं के कारण ग्राहक कुछ घंटों में ही वाहन घर ले जा पा रहे हैं।
वाहन फाइनेंसिंग आज सिर्फ ब्याज दरों और ऋण राशि का मामला नहीं रह गया है। अब यह गति, पारदर्शिता, लचीलापन और ग्राहक अनुभव का मिश्रण है। बैंक और वित्तीय संस्थाएं व्यक्तिगत मूल्य निर्धारण, डिजिटल सपोर्ट और त्वरित डिलीवरी जैसी सुविधाओं से ग्राहक-केंद्रित मॉडल तैयार कर रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जो ऋणदाता इन बदलती जरूरतों को अनुभव, सहानुभूति और नवाचार के साथ पूरा करेंगे, वही आने वाले समय में इस क्षेत्र में अग्रणी बने रहेंगे।



