मुंगेली पुलिस की पहल ‘‘एक व्यापक सुरक्षा, जनभागीदारी एवं सकारात्मक बदलाव कार्यक्रम

मुंगेली, 12 अक्टूबर । मुंगेली पुलिस द्वारा माह मई से एक अभिनव कार्यक्रम “पहल” की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता, नशा मुक्ति एवं उन्मूलन, तथा यातायात सुरक्षा एवं अनुशासन को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम की रूपरेखा :- सायबर सुरक्षा, नशा उन्मूलन और यातायात जागरूकता पर अभियान प्रारंभ मई माह से पूरे जिले में जन-जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारंभ की गई। इसका उद्देश्य नागरिकों को तकनीकी, सामाजिक और नैतिक सुरक्षा के प्रति सजग बनाना है:-
- समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से कॉलेज एवं स्कुलों के छात्र प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित किया गया जिसके अगले चरण मे प्रत्येक स्कुल तथा अंत मे समस्त स्कुलों के प्रतिनिधियों का ब्लॉक स्तर पर सम्मेलन आयोजित कर सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता, नशा मुक्ति एवं उन्मूलन, तथा यातायात सुरक्षा एवं अनुशासन संबंधी जागरूकता संदेश दिये गये।
- ग्रामीण स्तर तक उद्देश्यों की पुर्ति हेतु रक्षित केन्द्र मुंगेली मे जिले के प्रत्येक ग्राम के कोटवारों को अलग-अलग बैचोें मे 03 दिवसीय प्रशिक्षण देकर सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता, नशा मुक्ति एवं उन्मूलन, तथा यातायात सुरक्षा एवं अनुशासन संबंधी जागरूकता संदेश दिये गये।
- जिले के प्रत्येक ग्रामों तक पुलिस की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रत्येक थाना/चौकी अंतर्गत कुल 148 बीट विभक्त किये गये। प्रत्येक बीट मे पुलिस प्रभारी नियुक्त कर प्रत्येक ग्रामों के प्रमुख व्यक्तियों को समाहित करते हुये सूचनाओ एवं जागरूकता संदेशो के आदान-प्रदान हेतु वाट्सअप ग्रुप तैयार किया गया।
4.प्रत्येक थाने के प्रमुख ग्रामों मे ‘‘पहल’’ कार्यक्रम के तहत चलित थाना लगाया जाकर ग्रामीण स्तर पर भी सायबर सुरक्षा एवं जागरूकता, नशा मुक्ति एवं उन्मूलन, तथा यातायात सुरक्षा एवं अनुशासन संबंधी जागरूकता संदेश दिये गये।
5.नशे के आदि युवाओ (विशेष कर नाबालिग) को उनके परिजनों के साथ सम्मेलन कर नशे के दुष्परिणामों के संबंध मे जागृत कर उनमे नशेे की आदत से न केवल मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया गया साथ ही उनमे आत्मविश्वास भी लाया गया।
कार्यक्रम की प्रमुख उपलब्धियां:-
1.कोटवारों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘पहल’ के अंतर्गत जिले के सभी ग्रामों के कोटवारों का 3 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण से ग्राम स्तर तक एक मजबूत सूचना तंत्र विकसित हुआ, जिससे न केवल अपराध नियंत्रण में सहायता मिली बल्कि पुलिस के प्रति जनविश्वास में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- बीट सिस्टम द्वारा ग्रामों तक पुलिस की पहुँच:- जिले के सभी ग्रामों को 148 बीट क्षेत्रों में विभाजित कर प्रत्येक गांव तक पुलिस की पहुंच सुनिश्चित की गई। इससे प्रत्येक गांव पुलिस से सीधा जुड़ गया और त्वरित कार्रवाई की प्रणाली मजबूत हुई।
3.अपराध नियंत्रण और बरामदगी दर में सुधार ‘पहल’ कार्यक्रम के परिणामस्वरूप सम्पत्ति संबंधी अपराधों की बरामदगी दर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई
ऽ लूट के प्रकरणों में:- वर्ष 2024 में 66.60 प्रतिशत की तुलना में 2025 में 68.57 प्रतिशत
ऽ नकबजनी के प्रकरणों में:- वर्ष 2024 में 6.68 प्रतिशत की तुलना में 2025 में 59.20 प्रतिशत
ऽ साधारण चोरी में:- वर्ष 2024 में 54.85 प्रतिशत की तुलना में 2025 में 61.24 प्रतिशत
यह दर्शाता है कि कार्यक्रम से पुलिस की दक्षता एवं जनता की सहभागिता दोनों में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
- महिला एवं बाल अपराधों में कमी:-
‘पहल’ कार्यक्रम से कई महीनों में महिला एवं बाल अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जो सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अपहृत अधिकांशतः बालक/बालिकाओं की बरामदगी की गयी साथ ही गुमशुदगी मे भी उल्लेखनीय कमी परिलक्षित हुयी है। - सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में कमी:-
यातायात जागरूकता अभियानों के परिणामस्वरूप जिले में वैवाहिक माह मई के अलावा प्रत्येक माह मे दुर्घटनाओं मे ना केवल कमी आयी है बल्कि दुर्घटनाओं से मृतकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आयी है। - नशा उन्मूलन में सशक्त कार्रवाई:-
मुंगेली जिला मे गांजा एवं ब्राउन शुगर के व्यापार और उपभोग पर कठोर कार्रवाई की गई। इसके परिणामस्वरूप युवाओं एवं किशोरों में नशे की लत में कमी आई है तथा मादक पदार्थों के अवैध व्यापार पर भी रोक लगी है। - सायबर फ्राड के मामलों में कमी:-
थाना सरगांव क्षेत्रान्तर्गत सायबर ठगी 15,00035 रूपये सायबर ठगी के प्रकरण मे अधिकांश रकम त्वरित रूप से होल्ड कराकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2024 में जहां सायबर ठगी की कुल राशि ₹1,33,92,928 थी, वहीं वर्ष 2025 में यह घटकर ₹1,18,12,551 रह गई जो सायबर जागरूकता के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है




