Chhattisgarh

CTO रिन्यूअल के अभाव में बंद होगी 40 साल पुरानी भूमिगत कोयला खदान, बीएमएस नेता कर रहे क्रमिक भूख हड़ताल

800 नियमित कर्मी होंगे स्थानांतरित, 300 से अधिक ठेका श्रमिकों की नौकरी पर संकट

सूरजपुर,11 अक्टूबर 2025। एसईसीएल भटगांव क्षेत्र की लगभग 40 वर्ष पुरानी भूमिगत कोयला खदान को पर्यावरण विभाग से संचालन की सहमति (CTO) का नवीनीकरण नहीं मिलने के कारण 31 अक्टूबर से बंद करने की तैयारी की जा रही है। इस निर्णय के विरोध में श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के पदाधिकारी और कार्यकर्ता खदान परिसर के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। संगठन का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।

बीएमएस नेताओं ने बताया कि सीटीओ के रिन्यूअल की प्रक्रिया लंबित होने के चलते खदान संचालन पर रोक की नौबत आ गई है। खदान बंद होने की स्थिति में 800 से अधिक नियमित कर्मियों को अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि 300 से ज्यादा ठेका श्रमिकों का रोजगार पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर भारी सामाजिक और आर्थिक संकट उत्पन्न होगा।

संगठन के जिला अध्यक्ष ने कहा कि खदान के बंद होने से न सिर्फ मजदूरों पर असर पड़ेगा, बल्कि नगर पंचायत जरही और नगर पंचायत भटगांव की हजारों की आबादी को भी विस्थापन झेलना पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही के कारण वर्षों पुरानी खदान को बंद करने की नौबत आई है।

बीएमएस ने चेतावनी दी है कि जब तक सीटीओ रिन्यूअल की प्रक्रिया पूरी नहीं होती और खदान के निरंतर संचालन का आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, भटगांव क्षेत्र की एक-दो भूमिगत खदानें ही अब संचालन में हैं। ऐसे में इनके बंद होने से न केवल रोजगार पर असर पड़ेगा बल्कि आसपास के कोयला परिवहन और छोटे व्यवसायों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

संगठन ने शासन और प्रबंधन से तत्काल हस्तक्षेप कर खदान को चालू रखने और सीटीओ रिन्यूअल प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की मांग की है।

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