Chhattisgarh

पितर मोक्ष अमावस्या पर की गई पितरों की विशेष पूजा श्री दूधाधारी मठ में

रायपुर, 21 सितम्बर । आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को श्री दूधाधारी मठ में पितर मोक्ष के अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना की गई। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास ने प्रातः 6:00 बजे महादेव घाट खारून नदी पहुंचकर मठ मंदिर के पूर्वाचार्यों का तर्पण किया, 7:00 बजे उन्होंने मठ पहुंचकर हवन का कार्य पूर्ण किया तत्पश्चात भोग भंडारा का कार्य पूर्ण होने पर भगवान एवं पितरों को भोग अर्पण किया गया।

श्रद्धालु भक्तों ने मठ मंदिर में बड़ी संख्या में उपस्थित होकर भोजन प्रसाद प्राप्त किया। पितरों को बिदाई दी गई। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुंदर दास ने अपने संदेश में कहा है कि- भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या तक भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म में पितर पक्ष के रूप में मनाने की परंपरा रही है। इन 15-16 दिनों में हमारे पितर जिस तिथि को गमन किए रहते हैं उस तिथि को पधारते हैं। उन्होंने जो मार्ग हमें दिखाया है उस पर हम चल पा रहे हैं या नहीं इसे देखते हैं। उन्हें जब यह महसूस होता है कि हम उनके बताए हुए रास्तों का अनुसरण रहे हैं तब प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

श्री दूधाधारी मठ तथा इससे संबंधित मठों की जब से स्थापना हुई है तब से लेकर आज पर्यंत यहां के पूर्वाचार्य को उनके तिथि अनुसार मनाने की परंपरा रही है। वर्तमान सेवक होने के नाते उस परंपरा अनुसरण कर रहा हूं। आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या को हम ज्ञात- अज्ञात तथा अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए पितरों को भी याद करते हैं । आज पितर मोक्ष अमावस्या है सभी पितरों का आशीर्वाद हमें प्राप्त हो रहा है ऐसा हम विश्वास करते।

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