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अनिल अंबानी की मुसीबत बढ़ी, ED ने कई कंपनियों पर दर्ज किया नया मामला

ED ने अनिल अंबानी के समूह की कई कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जारी जांच के दायरे को बढ़ाते हुए रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (RCom) पर नया मामला दर्ज किया है. यह मामला भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से जुड़े 2,929 करोड़ रुपये के कथित लोन फ्रॉड से संबंधित है.

नया मामला और ECIR दर्ज

ED ने हाल ही में एक Enforcement Case Information Report (ECIR) दर्ज की है, जो पुलिस FIR के समान होती है. यह मामला 21 अगस्त को दर्ज की गई CBI की शिकायत पर आधारित है. CBI ने 23 अगस्त को मुंबई में RCom के दफ्तर और अनिल अंबानी के आवास पर छापेमारी की थी.

कौन-कौन हैं आरोपी?

इस मामले में वही आरोपी शामिल हैं जो CBI की FIR में थे. इनमें RCom, इसके निदेशक अनिल अंबानी, कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारी और अन्य शामिल हैं. SBI की शिकायत के आधार पर इन पर कार्रवाई शुरू की गई, जिसमें अब ED की जांच जारी है.

SBI को कितना नुकसान हुआ?

SBI की शिकायत के मुताबिक RCom पर अलग-अलग बैंकों का कुल बकाया 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा था. इसमें अकेले SBI को 2,929.05 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. यह आंकड़ा 2018 का है.

क्या है अनिल अंबानी का पक्ष?

CBI की कार्रवाई के बाद अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला 10 साल पुराना है. उस समय अंबानी केवल गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के रोजमर्रा के संचालन में शामिल नहीं थे. प्रवक्ता ने कहा कि SBI ने पहले ही अन्य पांच गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली थी, लेकिन अनिल अंबानी को चुनिंदा तौर पर निशाना बनाया जा रहा है.

पहले से चल रही जांच

इससे पहले जुलाई में ED ने अंबानी समूह के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की थी. अगस्त की शुरुआत में अनिल अंबानी से पूछताछ की गई थी. जांच का शुरुआती फोकस 17,000 करोड़ से ज्यादा की वित्तीय अनियमितताओं और लोन डाइवर्जन पर था. इसमें 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए 3,000 करोड़ लोन का गलत गलत तरीके से उपयोग का मामला भी शामिल था.

आगे क्या होगा?

जांच एजेंसी ने बताया कि कई अधिकारियों से पूछताछ की जा चुकी है और अन्य लोगों को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जा सकता है. अनिल अंबानी से भी दोबारा पूछताछ की संभावना जताई जा रही है.

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