Chhattisgarh

शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में सर्प जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कोरबा। शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में मंगलवार को कॉलेज प्रबंधन की ओर से सर्प जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वर्षों से सर्पों का रेस्क्यू कार्य कर रहे जाने-माने स्नेक कैचर टीनू आनंद को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।

इस अवसर पर श्री आनंद ने विद्यार्थियों को क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के सर्पों की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को बताया कि हमारे आसपास कई तरह के विषैले और अविषैले सर्प पाए जाते हैं, जिन्हें अक्सर लोग डर और अज्ञानता के कारण मार देते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में अधिकांश सर्प हानिरहित होते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

श्री आनंद ने विद्यार्थियों को सर्पदंश से संबंधित आवश्यक सावधानियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को सर्पदंश हो जाए तो सबसे पहले घबराना नहीं चाहिए और तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए। इस दौरान प्रभावित अंग को कम से कम हिलाना चाहिए, ताकि विष तेजी से शरीर में न फैले। उन्होंने विशेष रूप से चेतावनी दी कि पुराने समय से प्रचलित गलत तरीकों—जैसे टूरनिकैट बांधना, जहर चूसने का प्रयास करना या चीरा लगाना—का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा झाड़-फूंक, टोने-टोटके या किसी भी तरह की अप्रमाणिक चिकित्सा पद्धति पर भरोसा करना जानलेवा हो सकता है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में एंटी-स्नेक वेनम उपलब्ध है, जो समय पर दिए जाने पर रोगी की जान बचा सकता है। इसलिए पीड़ित को जल्द से जल्द चिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराना ही सबसे सुरक्षित और वैज्ञानिक उपाय है।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने सर्पों की आदतों, उनके रहने के स्थानों और उनसे बचाव के उपायों को लेकर अनेक प्रश्न पूछे। श्री आनंद ने प्रत्येक प्रश्न का धैर्यपूर्वक उत्तर दिया और छात्रों की जिज्ञासा शांत की। उन्होंने यह भी बताया कि सर्प केवल आत्मरक्षा में ही आक्रामक होते हैं, इसलिए उनसे डरने के बजाय सतर्कता और जागरूकता जरूरी है।

समापन सत्र में श्री टीनू आनंद ने कॉलेज प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में सर्पों के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने और सही जानकारी पहुँचाने में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे स्वयं जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करें, ताकि अनावश्यक भय और अंधविश्वास से बचा जा सके।

कॉलेज प्रबंधन ने भी श्री आनंद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी रहा। इस अवसर पर कॉलेज के प्राध्यापकगण, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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