गीत वितान कला केन्द्र – भिलाई द्वारा 27 जुलाई को भव्य सांस्कृतिक संध्या “हरेली और वर्षा मंगल” कार्यक्रम

(School of Performing Arts)
हरेली और वर्षा मंगल – प्रकृति को समर्पित सांस्कृतिक संध्या
भिलाई। गीत वितान कला केन्द्र – भिलाई द्वारा प्रकृति को समर्पित एक भव्य सांस्कृतिक संध्या “हरेली और वर्षा मंगल” का आयोजन दिनांक 27 जुलाई 2025, रविवार, को सायं 5:30 बजे से, महात्मा गांधी कला मंदिर सभागृह, सिविक सेंटर, भिलाई में किया जा रहा है।
यह विशेष आयोजन दो प्रमुख सांस्कृतिक विरासतों – छत्तीसगढ़ के पारंपरिक हरेली पर्व तथा पश्चिम बंगाल की वर्षा ऋतु से जुड़ी सांस्कृतिक परंपरा ‘वर्षा मंगल’ पर आधारित है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की झलकियों के साथ-साथ गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की रचनाओं के माध्यम से बंगाल की वर्षा भावना की अद्भुत प्रस्तुति होगी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगी डॉ. वर्णिका शर्मा, अध्यक्ष – राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (छ.ग.)।
साथ ही कई अन्य विशिष्टजन भी आयोजन में उपस्थित रहेंगे:
श्री ललित चंद्राकर, विधायक – दुर्ग ग्रामीण एवं उपाध्यक्ष – छ.ग. राज्य ग्रामीण एवं पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण
श्रीमती अल्का बाघमार, महापौर – दुर्ग
श्री विपिन कुमार गिरि, अधिशासी निदेशक (माइंस) – बीएसपी
श्री अजय कुमार चक्रवर्ती, अधिशासी निदेशक – बीएसपी
श्री राजीव पांडे, डायरेक्टर – एनएसपीसीएल
श्री राकेश पांडे, अध्यक्ष – छ.ग. खादी ग्राम उद्योग बोर्ड
श्री सुरेंद्र कौशिक, जिला अध्यक्ष – भाजपा, दुर्ग
श्री नरेंद्र कुमार सिक्केवाल, पुलिस अधीक्षक (सीआईडी)
श्रीमती रजनी बघेल, धर्मपत्नी – दुर्ग सांसद
श्री उमेश कुमार चिलंगिया, वरिष्ठ उद्यमी एवं समाजसेवी
श्री पद्मश्री तंवर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, प्रवक्ता – पुलिस दुर्ग
श्री भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव – हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग
सुश्री भावना पांडे, ब्यूरो चीफ – क्रॉनिकल्स, भिलाई
सुश्री पायल जैन, अध्यक्ष – CAIT महिला इकाई, दुर्ग
श्री सुनील पटेल, जिला कार्यवाह – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दुर्ग
श्री गोविंद पाल एवं डॉ. अजय आर्य, मुख्य प्रवक्ता
कार्यक्रम के संयोजन में:
मुख्य संयोजक – एन. के. बंछोर
संयोजक – मनोज कुमार ठाकरे, प्रदीप कुमार मित्रा. प्रशांत कुमार क्षीरसागर
अध्यक्ष – रजनी सिन्हा
संकल्पना एवं निर्देशन – मिथुन दास
गीत वितान कला केन्द्र आप सभी सुधीजन, कला प्रेमियों एवं प्रकृति प्रेमियों से अनुरोध करता है कि इस अनूठे सांस्कृतिक कार्यक्रम में सपरिवार पधारें और छत्तीसगढ़ व बंगाल की सांस्कृतिक समृद्धि की अनुभूति करें।
प्रवेश नि:शुल्क है। समय पर पधारें।