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रेलवे का बड़ा कदम! IRCTC की 2.5 करोड़ यूजर ID बंद कीं – लिस्ट में आप तो नहीं? अभी चेक करें….

भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ महीने में कई बड़े और सख्त कदम उठाए हैं। अब खबर आ रही हैं कि भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग में धोखाधड़ी को रोकने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) के 2.5 करोड़ से ज़्यादा यूजर ID पर ताला लगा दिया गया है।

कुछ संदिग्ध बुकिंग पैटर्न और यूज़र के अजीब व्यवहार के पहचान के बाद ही इस कदम को उठाया गया है।

पिछले कुछ समय से बुकिंग के कुछ ही मिनटों में टिकट गायब होने और एजेंटों व बॉट्स द्वारा बढ़ते दुरुपयोग को लेकर कई चिंताएँ थीं। ऐसे में भारतीय रेलवे द्वारा बंद की गई यूजर ID इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय रेलवे ने क्यों लिया ये फैसला?
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, टिकट बुकिंग प्रणाली में गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, IRCTC ने हाल ही में 2.5 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता ID निष्क्रिय कर दी हैं, क्योंकि व्यापक डेटा विश्लेषण के दौरान उनकी साख संदिग्ध पाई गई थी। भारतीय रेलवे में, आरक्षित सीटों की मांग का पैटर्न पूरे वर्ष एक समान नहीं रहता है और यह बदलता रहता है। लोकप्रिय मार्गों और सुविधाजनक समय पर चलने वाली ट्रेनों में आम तौर पर अच्छी भीड़ होती है, हालाँकि, अन्य ट्रेनों में सीटें आमतौर पर उपलब्ध होती हैं। कन्फर्म टिकटों तक यात्रियों की पहुँच में सुधार, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और डिजिटल माध्यमों का प्रसार करने के लिए, भारतीय रेलवे द्वारा यह सब कदम उठाए गए हैं।

  1. आरक्षित टिकट ऑनलाइन या कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (PRS) काउंटरों पर “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर बुक किए जा सकते हैं। वर्तमान में, कुल टिकटों का लगभग 89% ऑनलाइन माध्यम से बुक किया जा रहा है।
  2. PRS काउंटरों पर, डिजिटल माध्यमों से भुगतान करने की सुविधा प्रदान की गई है।
  3. 01-07-2025 से, तत्काल योजना के तहत टिकट केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं द्वारा ही भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट/इसके ऐप के माध्यम से बुक किए जा सकेंगे।
  4. तत्काल आरक्षण खुलने के पहले 30 मिनट के दौरान एजेंटों को पहले दिन तत्काल टिकट बुक करने से रोक दिया गया है।
  5. ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची की स्थिति की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे विशेष रेलगाड़ियाँ चलाता है और परिचालन व्यवहार्यता के अधीन, अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनों का भार बढ़ाता है।
  6. इसके अलावा, प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को कन्फर्म स्थान प्रदान करने और उपलब्ध स्थान का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक रेलगाड़ी आवास योजना (एटीएएस), जिसे विकल्प के रूप में जाना जाता है, और उन्नयन योजना जैसी योजनाएँ शुरू की गई हैं।
  7. सरकार ने कई नए सुधारों की भी रूपरेखा तैयार की है, जिनमें तत्काल बुकिंग के लिए अनिवार्य आधार प्रमाणीकरण, व्यस्त समय के दौरान एजेंटों की पहुँच पर प्रतिबंध और पीआरएस काउंटरों पर अधिक पारदर्शी डिजिटल भुगतान प्रणाली शामिल हैं।

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