एसईसीएल में शिव खेरा ने दिया मोटिवेशनल टॉक, कहा – “जीतने वाले कुछ अलग नहीं करते हैं, वे उन्हीं चीजों को अलग ढंग से करते हैं।”

बिलासपुर,26 जून/ कोल इंडिया की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित गोल्डन जुबली लेक्चर सीरीज़ के तहत एसईसीएल मुख्यालय ऑडीटोरियम, बिलासपुर में अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर, उद्यमी एवं विचारक शिव खेरा ने एक अत्यंत प्रेरक एवं विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम में एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हरीश दुहन, निदेशक मंडल, सीवीओ एवं अन्य अतिथियों ने श्री खेरा को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
श्री खेरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि “जीवन में बिना लड़े सफलता नहीं मिलती। असफलता जीवन का हिस्सा है और हमें नई पीढ़ी, विशेषकर बच्चों को असफलता को स्वीकारना और उससे सीखना सिखाना चाहिए, ताकि वे मानसिक रूप से सशक्त बन सकें।”
उन्होंने कहा कि “कर्मयोगी वही होता है जो अपनी कंपनी को सिर्फ नौकरी का स्थान नहीं, बल्कि अपनी पहचान मानकर काम करता है। जो पहले दिन से ‘ओनरशिप’ की भावना से कार्य करता है, वही आगे चलकर सच्चे अर्थों में सफल होता है।”
श्री खेरा ने यह भी कहा कि “हमें अपनी कमज़ोरियों को अपनी ताक़त में बदलने की दिशा में कार्य करना चाहिए। भाग्य से नहीं, बल्कि निरंतर प्रयास से सफलता प्राप्त होती है।”
इस अवसर पर एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हरीश दुहन ने श्री खेरा को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज के इस प्रेरक व्याख्यान से हर एसईसीएल कर्मी कुछ न कुछ सीख ज़रूर अपने साथ लेकर जाएगा और खुद में तथा अपने कार्यस्थल पर सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में प्रेरित होगा।