भारत की सदियों पुरानी संस्कृति , इतिहास और परंपराओं का आईना है संविधान – सीएम साय
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज प्रातः संविधान दिवस पदयात्रा कार्यक्रम में शामिल हुये। संविधान दिवस पदयात्रा पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सभागृह से प्रारंभ होकर अंबेडकर चौक पर समाप्त हुई। मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
इस पदयात्रा में उप मुख्यमंत्री अरूण साव , खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा , वन मंत्री केदार कश्यप , खाद्य मंत्री दयालदास बघेल , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक , विधायकगण इंद्र कुमार साहू , गुरु खुशवंत साहेब , अनुज शर्मा , महिला आयोग की सदस्य श्रीमती लक्ष्मी वर्मा और युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वजीत तोमर शामिल थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सभागृह में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि हमारा संविधान भारत की सदियों पुरानी संस्कृति , इतिहास और परंपराओं का आईना है। यह संविधान हमारे सदियों के संघर्ष , अनुभव और उपलब्धियों का प्रतिफल है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज के दिन 26 नवंबर से संविधान दिवस 2024 के आयोजन की शुरूआत हुई है। आज भारत के संविधान को आत्मसात किये पचहत्तर वर्ष पूरे हो गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जहां पर मौलिक अधिकारों की बात लिखी है , वहां भगवान श्रीराम , माता सीता और भइया लक्ष्मण की तस्वीर अंकित की है। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर तब की है जब भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या लौट रहे थे। हमें इस बात को समझना होगा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने इस तस्वीर के माध्यम से हमें क्या संदेश दिया है। संविधान में ऐसे ही अनेक चित्र और संकेत हैं , जिनके माध्यम से संविधान निर्माताओं ने इंगित किया है कि हमें भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों के साथ लोकतंत्र को आगे बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह भी हमारे संविधान की एक बड़ी विशेषता है कि इसमें परिवर्तनशील समय के अनुरूप आवश्यकता पड़ने पर संशोधन का भी प्रावधान है। हमारे संविधान निर्माताओं ने देश पर अपनी इच्छाओं और विचारों को लादा नहीं , बल्कि अपनी दूरदर्शिता से भावी पीढ़ी के लिये यह गुंजाइश छोड़ी कि वह अपने समय की परिस्थितियों , अपने समय के ज्ञान , अपने समय की आवश्यकताओं के अनुसार इसमें संशोधन कर सकें।
कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि संविधान दिवस के इस गौरवशाली पल में हमें लोगों को संविधान प्रदत्त अधिकारों एवं हमारे मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। संविधान सभा ने दो वर्ष 11 माह 18 दिन में संविधान का निर्माण किया। भारत का यह संविधान पूरे विश्व के लिये आदर्श है। संविधान केवल किताब ही नही , अपितु लोकतंत्र के जीवन का दर्शन है। संविधान कर्तव्यों और अधिकारों का निर्धारण करता है। यह देश की एकता और अंखडता का सूचक है। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भारत के संविधान को जन-जन तक पहुंचाने के लिये देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने का आह्वान किया है। दुनियां के सबसे बड़े संविधान ने वनांचल की बेटी को देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति के पद पर आसीन होने का अवसर दिया। दलितों को आगे बढ़ाने का यदि कोई साधन है तो वह है भारत का संविधान। लोकतंत्र को मजबूत बनाये रखने के लिए देश के सभी लोगों को संविधान में दिये गये कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा। भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर को युगों-युगों तक याद रखा जायेगा। विधायक धरम लाल कौशिक ने कहा कि देश की आजादी के बाद लोकतंत्र को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए संविधान का निर्माण हुआ। संविधान दिवस संविधान निर्माताओं को नमन करने का दिन है। आज के दिन सभी को कर्तव्यों की जवाबदेही पर संकल्प लेना चाहिये। संविधान के महत्व के प्रति जागरूक करने के लिये यह आयोजन किया जा रहा है , जो साल भर चलेगा। इसके लिये ’’हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’’ टैगलाइन तय की गई है। इस अवसर पर खेल विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता , रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह , निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा , जिला पंचायत के सीईओ विश्वदीप , खेल विभाग की संचालक श्रीमती तनुजा सलाम सहित अन्य अधिकारीगण और स्कूली छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।