विश्व फिजियोथेरेपी दिवस का उद्देश्य फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा समाज में लोगों को गतिशील और स्वतंत्र बनाने में दिए गए योगदान को याद करना है।

भौतिक चिकित्सा एक ऐसा तरीका है जिससे किसी व्यक्ति के घायल होने, बीमारी या विकलांगता से पीड़ित होने पर उसके शरीर की गतिशीलता और कार्यक्षमता को बहाल करने में मदद मिलती है। फिजियोथेरेपीस्ट डॉ प्रतीक यादव का कहना है कि फिजियोथेरेपी सेहतमंद रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों के दर्द से राहत पाने के लिए अक्सर फिजियोथेरेपी करवाते हैं। फिजियोथेरेपी करवाने से शरीर की अकड़न दूर होती है और बॉडी फ्लैक्सिबल रहती है। इसके साथ ही, फिजियोथेरेपी करवाने से अर्थराइटिस, घुटनों के दर्द, पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, मसल्स में अकड़न जैसी समस्याएं दूर होती हैं। इतना ही नहीं, फिजियोथेरेपी करवाने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। इससे तनाव और चिंता दूर होती है। साथ ही, व्यक्ति स्वस्थ और अच्छा महसूस करता है। फिजियोथेरेपी लोगों के लिए वरदान बन गई है, क्योंकि फिजियोथेरेपिस्ट हृदय, तंत्रिका विज्ञान, आर्थोपेडिक जेरिएट्रिक और बाल चिकित्सा स्थितियों में अपने अभ्यास के व्यापक दायरे के कारण चिकित्सा समाज के प्रमुख सदस्य हैं।

डॉ. प्रतीक यादव ने कहा, “फिजियोथेरेपी हस्तक्षेप को सभी चरणों में लागू किया जा सकता है, जैसे निवारक, सुधारात्मक और पुनर्वास।”