स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में बस्तर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर वापस लौटे अजीत और सलिना_

फरसगांव :~ देश की राजधानी नई दिल्ली में हर बार की तरह इस बार भी स्वतंत्रता दिवस पूरे धूमधाम से मनाया गया।जब मौका देश की आजादी के जश्न का हो तो और उसमें भागीदारी का अवसर एक स्वयंसेवक को मिले तो यह जश्न औऱ भी यादगार बन जाता है।यकीनन इस बार लाल किले पर हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह के मेहमान भी खास थे। क्योकि इस बार के स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाने के लिए देशभर से स्पेशल मेहमानों को बुलाया गया था।लाल किले में 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए लगभग 6000 विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया था।समारोह में 24 अलग-अलग श्रेणियों के लोगों को बुलाया गया था।जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण तथा समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाई है। 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मेरी माटी मेरा देश के तहत एनएसएस के 400 स्वयंसेवक और वहीं विशेष अतिथि के तौर पर पेरिस ओलंपिक 2024 के खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा, आकांक्षी जिला प्रोग्राम के प्रत्येक ब्लॉक का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों, इनोवेटर्स और एआईएम के छात्रों और पीएमश्री योजना के छात्रों को भी आमंत्रित किया गया था। जिसमें कोंडागाँव जिले के गुण्डाधुर महाविद्यालय कोंडागांव से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करके तथा वर्तमान में शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जगदलपुर, शहीद महेन्द्र कर्मा विश्विद्यालय बस्तर,जगदलपुर छग में अध्ययन रत राष्ट्रीय राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अजीत कुमार तथा सलीना नेताम नई दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित होकर बस्तर विश्वविद्यालय के साथ साथ छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर वापिस लौट। विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित स्वयंसेवकों से युवा एवम खेल मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया जी ने माई भारत पर युवाओं से सुझाव मांगे तथा चर्चा की । स्वयंसेवकों को 14 अगस्त को प्रधानमंत्री मेमोरियल तथा पुलिस वार मेमोरियल का टूर भी कराया गया। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किये गए ध्वजारोहण कार्यक्रम के प्रत्यक्ष साक्षी बने।
स्वयंसेवक अजीत कुमार तथा सलीना ने बताया कि यह उनके जीवन का स्वर्णिम पल था जो हमे राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से प्राप्त हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि जहाँ तक पहुंचने के लिए विशेष पास की आवश्यकता होती है तथा कई सुरक्षा के बेड़ियों को पार करने के पश्चात वहाँ पहुंचा जाता है,वहाँ पर विशेष अतिथि के रुप मे उपस्थित होना शौभाग्य की बात है। दोनों स्वयंसेवकों ने इसका श्रेय माता पिता ,प्राचार्य डॉ. सीआर पटेल, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. डीएल पटेल, जिला संगठक शशिभूषण कन्नौजे,कार्यक्रम अधिकारी सीपी यादव महाविद्यालय के प्राचार्य तथा वरिष्ठ स्वयंसेवकों को दी।