इस प्रयास से सड़क हादसों और जाम की समस्या से लोगों को मिलेगी राहत

इंदौर। इंदौर-नेमावर रोड पर हर साल बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। हर दिन जाम की समस्या के कारण यहां रहने वाले ग्रामीण और राहगीर परेशान होते हैं। लेकिन मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रयासों से अब नेमावर रोड़ की तस्वीर जल्द बदलने वाली है। एनएच 47 नेमावर रोड़ पर बढ़ते हादसों और जाम का मुद्दा मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा पीएमओ कार्यालय तक पहुंचाया गया है। यूनिवर्सिटी के इस प्रयास के बाद अब रोड़ चौड़ीकरण की तैयारी की जा रही है।

देवगुराड़िया से डबल चौकी तक करीब 29 किलोमीटर लंबे हिस्से को फोर लेन में बदलने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई जा रही है। साथ ही प्रारंभिक तौर पर 31.86 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। सड़क चौड़ीकरण के लिए सड़क के दोनों ओर के अतिक्रमण, बाधक निर्माण, पेड़, बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर हटाने के आदेश भी दिए गये है। फिलहाल इंदौर-नेमावर रोड पर फोर लेन का ट्रैफिक लोड है, सड़क पर 12 हजार से ज्यादा वाहन हर दिन गुजरते हैं, लेकिन यह सड़क टू लेन होने से आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं।

इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया ,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.संजीव नारंग ने नेमावर रोड़ के चौड़ीकरण के प्रयासों की सराहना की है। सड़क चौड़ीकरण से राहगीरों के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी काफी राहत मिलने की उम्मीद है। सड़क चौड़ीकरण के लिए लम्बे समय से मालवांचल यूनिवर्सिटी के साथ-साथ सांसद शंकर लालवानी, मंत्री व क्षेत्रीय विधायक तुलसीराम सिलावट और नेमावर रोड इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन इंदौर द्वारा भी संयुक्त प्रयास किए जा रहे थे।

यूनिवर्सिटी के प्रयास से मिल सकेगी छात्रों और राहगीरों को जाम से राहत

कुलसचिव डॉ.लोकेश्वर सिंह जोधाणा ने बताया कि इस रोड़ से कई लोग रोज गुजरते हैं, उन्हें रोज जाम और हादसों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा नेमावर रोड़ की इस स्थिति के बारे में बताते हुए एक पत्र पीएमओ कार्यालय को लिखा गया था। जिसके बाद एनएचआई को देवगुराड़िया से डबल चौकी तक सड़क चौड़ीकरण करने के आदेश दिए गये है। उन्होंने बताया कि मालवांचल यूनिवर्सिटी, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के साथ इस सड़क पर कई इंजीनियरिंग कॉलेज और स्कूलों के छात्रों के साथ राहगीरों को भी जाम की समस्या से परेशान होना पड़ता है। व्यावसायिक क्षेत्र होने के कारण कई वाहन आए दिन जाम में घंटों तक फंसे रहते हैं। यदि इस सड़क पर कोई दुर्घटना हो जाए तो मरीज सही समय पर हॉस्पिटल तक नहीं पहुंच पाते हैं। नेमावर रोड के चौड़ीकरण से 10 हजार से ज्यादा वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी।

नया हाइवे बनने के बाद भी बनी रहेगी नेमावर रोड़ की उपयोगिता

एक्सपर्ट्स का मानना है कि नया हाईवे बनने के बावजूद नेमावर रोड की उपयोगिता बनी रहेगी। जिन वाहन चालकों को खलघाट या अकोला हाईवे से आना-जाना है, वे देवगुराडिय़ा होकर ही गुजरेंगे। इसके अलावा इस क्षेत्र का आंतरिक ट्रैफिक तो रहेगा ही। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसका चौड़ीकरण जरूरी है, क्योंकि फिलहाल यह केवल दो-ढाई लेन चौड़ा ही बना है। यह रोड बायपास के देवगुराडिय़ा जंक्शन से डबल चौकी तक बनाया जाएगा। इसी के साथ इंदौर-राघौगढ़ ग्रीन फील्ड हाईवे भी बनने जा रहा है।

नेमावर रोड बनने से किसे मिलेगी राहत

10 से ज्यादा बड़े निजी स्कूल
3 इंजीनियरिंग कॉलेज
1 मेडिकल कॉलेज
60 हजार से ज्यादा शहरी आबादी
30 से ज्यादा जुड़ीं कॉलोनियां
10 हजार से ज्यादा छात्र