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बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना से अलग किया था, शरद पवार का बड़ा खुलासा

मुंबई : लोकसभा चुनाव के पहले फेज के चुनाव के बाद सभी राजनीतिक दल दूसरे फेज की वोटिंग को लेकर तैयारियों में जुट गए हैं। 26 अप्रैल को दूसरे फेज के चुनाव में महाराष्ट्र की 8 सीटों पर मतदान होना है। इस बीच, महाराष्ट्र के दो बड़े दलों शिवसेना और बीजेपी के अलगाव के बारे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SCP) प्रमुख शरद पवार ने बड़ा खुलासा किया है। पवार ने बताया कि भगवा गठबंधन से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली (अविभाजित) शिवसेना को दूर करने के लिए बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा साल 2014 के विधानसभा चुनावों के बाद की थी। काफी हद तक यह राजनीति कामयाब भी रही।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पवार ने एक मीडिया इंटरव्यू में यह भी बताया कि इस एक्सपेरिमेंट के पीछे बीजेपी को सत्ता से दूर रखना था। पवार ने बीजेपी में जाने की अफवाहों को लेकर कहा कि बीजेपी में शामिल होने की मेरी मंशा न पहले थी और आगे कभी योजना होगी।

लंबे वक्त से एक दूसरे के समर्थक रहे बीजेपी और अविभाजित शिवसेना 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अलग-अलग मैदान में उतरे। इस दौरान, बीजेपी ने 122 सीटें झटकी थीं। हालांकि, उस वक्त पवार ने भी बिना शर्त बीजेपी को एनसीपी के समर्थन का दावा किया था।

2019 के विधानसभा चुनावों में साफ रूप से शिवसेना और बीजेपी अलग-अलग राहों पर आगे बढ़ी। लेकिन, दोनों ही सत्ता पर काबिज न हो सके। ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। खास बात यह रही कि राष्ट्रपति शासन कुछ वक्त ही रहा। नवंबर में तुरंत हटा दिया गया। फिर फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली।

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