होलिका दहन के दिन मंडराएगा भद्रा का अशुभ साया….

जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व (पंडित यशवर्धन पुरोहित)

पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है। इस दिन पूजा से पहले पवित्र नदी में स्नान करना बेहद जरूरी है। हिंदू धर्म में होली का पर्व प्रमुख माना जाता है। वहीं फाल्गुन माह की शु्क्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की रात को होलिका दहन किया जाता है। इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और होली एक धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है। होली को रंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। अब ऐसे में इस साल होलिका दहन कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है।



होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है?

होलिका दहन दिनांक 24 मार्च को है। इस दिन होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 12 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में होलिका दहन की कुल अवधि 01 घंटे 14 मिनट की है।



होलिका दहन के दिन भद्रा का साया
इस साल होलिका दहन 24 मार्च को मनाया जाएगा, लेकिन होलिका दहन के दिन भद्रा का भी साया रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ और कोई भी शुभ काम करना वर्जित माना जाता है। इस दिन भद्रा सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर आरंभ हो रहा है और इसका समापन रात 11 बजकर 13 मिनट को होगा।



होलिका दहन का क्या है महत्व
होलिका दहन के दिन भगवान विष्णु (विष्णु जी पूजा) के नरसिंह अवतार की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। क्योंकि इस दिन श्रीहरि ने अपने भक्त की जान बचाई थी और उनकी कृपा से होलिका स्वयं ही जलकर भस्म हो गई। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु (विष्णु जी मंत्र) की पूजा-अर्चना करता है, श्रीहरि उनकी हमेशा रक्षा करते हैं।



होलिका दहन के दिन मंत्र जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्

कात्यायनि महामाये महायोगिनयधीश्वरि। नंदगोपसुतं देवि! पतिं में कुरु ते नम:

पत्नी मनोरंमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्धवाम्

होलिका दहन के दिन करें ये काम
होलिका दहन के दिन चांदी का सिक्का खरीदकर घर लाएं। ऐसा करने से घर में आर्थिक परेशानियां खत्म हो जाती हैं। इस सिक्के को लाल कपड़े में लपटेकर तिजोरी में रखें। आपकी तिजोरी मालामाल रहेगी।
होलिका दहन से पहले अपने घर में बांस का पौधा लाएं। बांस का पौधा घर में सौभाग्य लेकर आता है। इससे घर के सदस्य निरोगी रहते हैं।
होली पर्व के दिन घर के मुख्य द्वार पर दो मुखी दीपक जलाएं। ऐसा करने से आय में वृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
भगवान विष्णु की भी पूजा करना चाहते हैं तो सबसे पहले श्री लक्ष्मी का पूजन करें। उसके बाद ही भगवान विष्णु की पूजा करना बेहतर है।
फिर होली के दिन सुबह घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार को बांध दें। इससे मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं। घर के मुख्य द्वार पर आम या फिर अशोक के पत्ते का बंदनवार लगा सकते हैं।
होलिका की राख को घर लेकर आएं और उस राख में पानी मिलाकर घर के हर कोने और दरवाजे पर छींटें दें।घर में नकारात्मक शक्तियों को प्रवेश नहीं होगा।
होलिका की राख को माथे पर लगाएं। अपने दाहिने हाथ की प्रथम तीन उंगलियों को माथे के बाएं से दाएं ओर तीन रेखा (त्रिपुण्ड) खींचें। इसके बाद न तो दुश्मन आपका बुरा कर पाएगा और आप सालभर सेहतमंद रहेंगे।