शाला प्रबंधन समिति को बेहतर करने, ब्लाक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण संपन्न…


जांजगीर, 20 जनवरी । ब्लाक परियोजना कार्यालय समग्र नवागढ़ के द्वारा आज 20 जनवरी शनिवार को अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन जांजगीर के सभाकक्ष में ब्लाक स्तरीय शाला प्रबंधन समिति और शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के मास्टर टेªनर्स का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में नवागढ़ ब्लाक के प्रत्येक संकुलों से 1-1 शिक्षकों व सदस्यों ने हिस्सा लिया जिन्हें जिला स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए मास्टर ट्रेनर राजेश कुमार सूर्यवंशी एवं अनुराग तिवारी द्वारा इन्हें प्रशिक्षित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ बीआरसीसी श्रीमती रिषीकांता राठौर करते हुए अपने संबोधन में कहा कि सभी गंभीरता से इस प्रशिक्षण को प्राप्त करेंगे जिसके बाद 23 मंगलवार को संकुल स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा जिसमें सभी शालाओं से एक-एक शिक्षक व एक-एक सदस्य शामिल होंगे।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर राजेश कुमार सूर्यवंशी द्वारा बताया गया कि एसएमसी, एसएमडीसी के सदस्यों को इस प्रकार प्रशिक्षित करें कि वह अपने शाला में आवश्यक अपेक्षित सुधार ला सके, साथ ही साथ वहां अपनी-अपनी शाला में क्या-क्या परिवर्तन ला सके इस पर चर्चा पर चर्चा किया गया। विशेष रूप से बच्चों एवं शिक्षकों की विद्यालय में नियमित समय पर उपस्थित एवं पूरे समय सक्रिय रहने, एसएमएसी सदस्यों द्वारा कक्षाओं का निरीक्षण और बच्चों की उपलब्धता का आकलन करते हुए उनमें सुधार हेतु शिक्षकों को जिम्मेदारी देने, शाला की मूलभूत आवश्यकताओं की पहचान कर उनकी पूर्ति करने व सुधार लाने, प्रत्येक शाला में 3 वर्ष की शाला विकास योजना बनाना व समय-समय पर उसे अद्यतन करते रहना, शाला प्रबंधन समिति की नियमित बैठक आयोजित करने, आवश्यक सहयोग प्रदान करना, जो भी शासन स्तर से दिशा निर्देश प्राप्त होते हैं उसके आधार पर विद्यालय में आवश्यक परिवर्तन लाने जैसे बिंदूओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी।

एम.टी. अनुराग तिवारी ने बताया कि एसएमसी एससीएमडी के सदस्यों के सक्रिय रहने से ही हमारे विद्यालय के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति करने में आवश्यक सहयोग प्राप्त होगा, विद्यालय की जो छोटी मोटी आवश्यकता है, उनकी भी भरपाई इनके द्वारा संभव हो सकेगी। आज हमारे बच्चे जो एफएलएन के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, इसके लिए माता-पिताओं को जागरूक रहना अति आवश्यक है, जो की एसएमसी और एसएमडीसी के सदस्यों के सक्रिय होने से ही संभव हो पाएगी।
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