महतारी वंदन – दुर्गा प्रसाद पारकर

जब ले सरकार ह
महतारी वंदन के घोषणा करे हे
तब ले महतारी मन के
बिक्कट सेवा होवत हे
एक समय पानी ते पानी बानी बर
तरसत राहय
ओ महतारी मन ल कलेचुप
खोवा पोरसत हे
देख देख के
बाप के लार ह टपकत हे

बहू ह बेटा ल
काहत रिहिसे सास ल
महतारी वंदन योजना म
साल म बारा हजार मिलही
फेर ससुर ल तो फूटहा कौड़ी घलो नइ मिलय
कामे ओकर सेवा जतन करबोन

ससुर ल वृद्धाश्रम म
छोड़ के आ जा
सियनहा ह इंकर गोठबात ल
सुन डरिस
वृद्धाश्रम पहुंचाए के पहिली
खुदे सरकार करा चल दिस

नेता पुछिस अपन परेशानी
ल बता सियान
सियनहा किहिस
महतारी वंदन योजना ले
हमर जुग जोड़ी के मया बिछड़ गे
एह मोरे घर के हाल नोहे
ए बिमारी ह घरो घर सचरगे

महतारी वंदन कस
बाप वंदन घलो शुरू कर दे
जेकर ले जुग जोड़ी संघरा
रही सकन
आखरी उमर म
कोन ह करही हमर जतन

बाप वंदन
शुरू नइ कर सकस ते
महतारी वंदन ल घलो राहन दे
जीनगी भर संघरा जीनगी पहाएन
ओइसने आखरी उमर म घलो
जुग जोड़ी ल
एके संघरा जीनगी पहावन दे

दुर्गा प्रसाद पारकर
7999516642