सफलता की कहानी : आयुष्मान कार्ड से हुए ईलाज की बदौलत नवजात अद्वैता हुई स्वस्थ

धमतरी । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुरूप शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है। जहां गरीब वर्ग को भोजन, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं बनाकर उनके जीवन में खुशहाल बनाया जा रहा है। सरकार द्वारा प्रदेश वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और निजी चिकित्सालय में ईलाज कराने हेतु आयुष्मान योजना चलायी जा रही है। इन योजनाओं का लाभ गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को भरपूर मिल रहा है।

धमतरी जिले के नगरी विकासखंड के ग्राम छिपली निवासी डिगेन्द्र कुमार जो निर्माण का कार्य करता है, उसकी पत्नी को 10 मई को पुत्री की प्राप्ति हुई, जिसका नाम उन्होंने अद्वैता रखा जन्म के समय बच्ची का वजन मात्र 1300 ग्राम होने के कारण चिकित्सकों ने उसे बच्चों के विशेष अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। डिगेन्द्र ने चिकित्सको से बातचीत की और आने वाले खर्च के बारे पूछा। चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची के ईलाज में दवाईयों, अस्पताल की फीस आदि मिलाकर लगभग 5 लाख रुपए का खर्च आयेगा।



5 लाख खर्च की बात सुनकर डिगेन्द्र को चिंता सताने लगी कि इतने पैसों का इंतजाम कैसे होगा। किसी परिचित ने उसे शासन की आयुष्मान कार्ड योजना के बारे में जानकारी दी। डिगेन्द्र पढ़ा-लिखा समझदार नागरिक था, उसने अपने और अपनी पत्नी के नाम से आयुष्मान कार्ड पहले से ही बनवा रखा था। डिगेन्द्र ने तत्काल चिकित्सकों से बात कर अपनी बच्ची अद्वैता को बच्चों के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया। लगभग डेढ महीने बच्चे का ईलाज करवाने के बाद अद्वैता पूरी तरह स्वस्थ होकर लौटी। बच्ची को देखकर डिगेन्द्र ने भावुक होकर कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजना के कारण आज मेरी बच्ची स्वस्थ हो पायी है। ऐसे बुरे समय में शासन की इस मदद से मुझे बच्ची सकुशल मिल पायी है, इसके लिए मैं देश के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। डिगेन्द्र ने अन्य लोगों को भी शासन की इस योजना से जुड़कर इसका अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया है।