उधार में पान नहीं खिलाया तो अपराधियों ने मार दी थी दुकानदार को गोली, 23 साल बाद पांच को उम्रकैद की सजा

पटना, 18 जून I बिहार के मुंगेर में हत्या के एक मामले में 23 साल बाद सजाया सुनाया गया है. 23 साल पहले जिले के फरदा में एक दुकानदार की अपराधियों ने इसलिए हत्या कर दी थी क्योंकि उसने उधार में पान खिलाने से मना कर दिया था. 23 साल बाद अब पीड़ित परिवार को न्याय मिला है और पांचों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही सभी दोषियों पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा है. मुंगेर के अपर सत्र न्यायधीश द्वितीय सुनील दत्त पांडेय की अदालत ने ये फैसला सुनाया है. 

घटना के बारे में बताया जा रहा है कि मार्च 2000 में पान दुकानदार मंटू पाठक ने संभा पाठक को पान खिलाने से मना कर दिया था. दुकानदार ये कहकर कि उसके पास पहले से 2 हजार रुपए बकाया है. इसलिए वह उधार में और पान नहीं खिला सकता है. पहले वह उधार चुकाए तब पान खिलाएंगे. इससे संभा पाठक नाराज हो गया और उसने उसे जान से मारने की धमकी दी.

खेत में ले जाकर पान दुकानदार की हत्या

इसके अगले दिन जब होली का त्योहार था तब संभा पाठक ने अपने चार साथियों के साथ दुकानदार मंटू पाठक को खींचकर खेत में ले गया और फिर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. मंटू पाठक के भाई अरविंद पाठक के बयान पर रामनगर थाना में मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद मुख्य आरोपी संभा पाठक, मंटुन कुंवर, लाली कुंवर, विजय पाठक और गोपाल कुंवर को उम्रकैद की सजा हुई है. ये सभी फरदा के रहने वाले हैं.

23 पहले हुई थी हत्या, अब मिला न्याय

23 पहले होली से एक दिन पहले आरोपी संभा पाठक मंटू पाठक के दुकान पर पहुंचा और पान खिलाने के लिए कहा. मंटू पाठक ने पैसे मांगे तो संभा पाठक ने खाते में लिख लेने की बात कही. इसपर दुकानदार ने कहा कि उनके पास पहले के 2 हजार रुपए बांकी है. वह अब और उधार नहीं खिला पाएंगे. जिसके बाद संभा पाठक दुकानदार से उलझ गया और उसे जान से मारने की धमकी दी और अगले दिन अपने चार साथियों के साथ खेत में ले जाकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी.

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