जॉब छोड़ 2 बहनों ने शुरू किया खुद का बिजनेस, सूती साड़ी को ऐसे बना दिया 50 करोड़ का ब्रांड
अक्सर कुछ समय बाद मम्मी-दादी की साड़ियां पुरानी हो जाती हैं और हम उनको फिर बंद बक्से में रख देते हैं. लेकिन 2 बिस्वास सिस्टर्स ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने मम्मी-दादी की साड़ियों से अपना खुद का बिजनेस शुरू किया. बिस्वास सिस्टर्स ने अपनी MNC की नौकरी को छोड़कर भारतीय संस्कृति की साड़ी को सुरक्षित और ट्रेंड में रखा. दोनों बहनों ने एक साड़ी से 50 करोड़ का ब्रांड ‘सुता’ बना लिया. आईये जानते हैं इनकी सक्सेस की ब्रांड स्टोरी.
तानिया बिस्वास और सुजाता बिस्वास ने साल 2016 में अपने ब्रांड ‘सुता’ को शुरू किया था. बहुत ही कम समय में दोनों के बिजनेस ने कामयाबी के शिखर को छू लिया. आज इनकी साड़ियां देश-विदेश में अपनी पहचान बना रही हैं. बता दें, बिस्वास सिस्टर्स के ‘सुता’ ब्रांड का मतलब है धागा.
सूती साड़ियों से शुरू किया काम
बिस्वास सिस्टर्स ने अपना बिजनेस कॉटन की मलमल साड़ियों से शुरू किया था. अक्सर ये साड़ियां महिलाएं घर में डेली वियर के तौर पर इस्तेमाल करती हैं. पहले ये साड़ियां केवल घर तक ही सीमित रहती थीं. फिर सुजाता और तानिया ने सोचा क्यों न इन्हे बड़े लेवल पर लाया जाए. बिस्वास सिस्टर्स ने इन सूती साड़ियों को मेनस्ट्रीम मार्केट में इंट्रोड्यूस किया. अब आपने देखा होगा कि महिलाएं ये सूती मलमल की साड़ियां घरों के अलावा पार्टी और ऑफिसेस में भी पहनती हैं.
MNC में कर चुकी हैं काम
बिस्वास सिस्टर्स अपना बिजनेस शुरू करने से पहले MNC में काम करती थीं. सुजाता ने IIFT से पढ़ाई करने के बाद एस्सार और जिंदल ग्रुप जैसी कंपनियों में काम कर चुकी हैं. वहीं, तानिया लखनऊ IIM से ग्रेजुएट होने के बाद टाटा ग्रुप और आईबीएम जैसी कंपनियों में काम कर चुकी हैं. लेकिन, रोजमर्रा की नौकरी उनको एक्साइटिंग नहीं लग रही थी. उन्होंने अपना खुद का कुछ काम शुरू करने का सोचा. जिसके बाद उन्होंने सुता को लांच किया.
बुनकरों को मिलता है 40 फीसदी हिस्सा
अपने ब्रांड को बड़ा बनाने के लिए बिस्वास सिस्टर्स ने बुनकरों को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया. जिन्हे वो साड़ी की कीमत का 40 फीसदी हिस्सा देती हैं. बिस्वास सिस्टर्स ने अपने बिजनेस को 6 लाख रुपये से शुरू किया था जो अब 56 करोड़ का बन चूका है. इनका अगला टारगेट अब इसे 100 करोड़ तक पहुंचाने का है.