कोर्ट ने सुनाई Deepak Kumar को फांसी की सजा, परिवार को मारने में की थी बेरहमी की सारी हदें पार

जमशेदपुर,07 अप्रैल । झारखंड के जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र के तीस्ता रोड क्वार्टर में पत्नी, दो पुत्री और टीचर की हत्या में टाटा स्टील कर्मचारी दीपक कुमार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सिन्हा के न्यायालय ने गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई है क्‍योंकि जिस तरह से दोषी ने हत्या को अंजाम दिया था, इसने पूरे जिले को हिला कर रख दिया था। यह 12 अप्रैल 2021 की खौफनाक कहानी है, जब पत्नी, दो पुत्रियों और शिक्षिका की दीपक ने बेहरमी से हत्या कर दी थी। बेरहमी ऐसी कि देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। दो पुत्रियाें और पत्नी के सिर पर हथौड़ी से प्रहार कर आरोपित ने उन्‍हें अधमरा कर दिया था। इसके बाद तकिए से मुंह तब तक दबाकर रखा, जब तक कि सबकी मौत नहीं हो गई थी। इससे भी मन नहीं भरा, तो आरोपित ने शिक्षिका को मौत के घाट उतार दिया था जिसकी भनक पड़ोसियों को भी नहीं लगी थी।

पैसा होने के बावजूद आर्थिक तंगी से था परेशान

हत्या मामले में गिरफ्तार दीपक कुमार ने पुलिस को बताया उसके पास काफी रुपये थे। परसुडीह में माता-पिता की मौत के बाद घर की बिक्री की थी। उसके रुपये भी उसी के पास थे। उसने टेल्को निवासी मित्र रोशन के कहने पर भारी ट्रक खरीदा था जो छत्तीसगढ़ में चल रहा है। हिसाब-किताब रोशन ही रखता था, लेकिन रुपये उसे समय पर नहीं मिल पाते थे।

इतने रुपये होने के बावजूद उसके पास रुपये नहीं रहते थे। आर्थिक तंगी से वह परेशान हो गया था। उसके रुपये पर रिश्तेदारों की भी निगाह रहती थी। ट्रक से उसे काफी नुकसान हुआ था। इस कारण उसने रोशन पर भी हमला किया था। दीपक कुमार को पुलिस ने धनबाद से गिरफ्तार किया था।

बैंक से पुलिस ने धर दबोचा

उसने पुलिस को पूछताछ में बताए कि हत्या के बाद वह फरार चल रहा था। जिस बुलेट से वह भागा था, उसे राउरकेला में छुपा दिया था। वहां से वह धनबाद आया था, जहां सूर्य बिहार कालोनी के एक होटल में रह रहा था। शुक्रवार को बैंक में रुपये जमा कराने गया था, तभी वहीं से पकड़ा गया। उसने वरीय अधिकारियों से कहा था कि वह जिस रोशन को मारना चाहता था। वह ही बच गया। उसके कारण ही सबकुछ हुआ।

वीणा देवी की मां ने कहा जिस तरह मेरी बेटी और दो नातियों को तड़पा-तड़पाकर मारा गया है उसी तरह आरोपित को तड़प का दर्द होना चाहिए ताकि निकट भविष्य में कोई ऐसा करने की हिम्मत नहीं करे। शिक्षिका की मां ने कहा कि दोषी को फांसी की सजा सुनकर कलेजे को ठंडक पहुचीं।