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World AIDS Day : क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड एड्स डे, जानें इससे जुड़ी खास बातें

World AIDS Day :- एचआईवी एड्स एक जानलेवा बीमारी है। एड्स और एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसके हो जाने से किसी भी इंसान की मौत होना निश्चित है। लेकिन इसके हो जाने से लोगों को घबराना भी नहीं चाहिए, क्योंकि इस बीमारी के हो जाने के बाद भी लंबी उम्र जी सकता है। औसत आयु तो कम हो जाएगी लेकिन एक सामान्य जिंदगी जी सकता है। एचआईवी का पूरा नाम ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को टारगेट करके शरीर को कमजोर करता है। इम्यूनिटी कमजोर होने से वक्त के साथ लोगों में अन्य गंभीर प्रकार के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

आगे चलकर एचआईवी संक्रमण एक्वायर्ड इम्युनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम यानी एड्स का रूप ले लेता है। मौजूदा समय में वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 3.7 करोड़ से अधिक लोग एचआईवी एड्स की गंभीर समस्या के शिकार हैं। साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीमारी के कारण सात लाख के करीब लोगों की मौत हो गई। एचआईवी संक्रमण एक लाइलाज समस्या है, जिसकी अब तक कोई दवाई या टीका नहीं बना। लेकिन विशेषज्ञों ने एचआईवी से बचाव के उपाय बताएं हैं, जिनका पालन कर एड्स के खतरे से बचा जा सकता है।

वर्ल्ड एड्स डे का इतिहास

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंटरनेशनल लेबल पर 1988 में वर्ल्ड एड्स डे मनाने की घोषणा की थी। उस समय एचआईवी से पीड़ित बड़े तादात में लोग थे और इनकी संख्या में इजाफा हो रहा था। लोगों को इस बीमारी को लेकर जागरूक करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इसे मनाने की घोषणा की। इतना ही नहीं बीमारी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां भी थी जिसे दूर करने की जरूरत थी। विज्ञापन के जरिए, नुक्कड़ नाटक के जरिए, समारोह और वर्क शॉप के जरिए लोगों के बीच एड्स को लेकर जारुकता फैलाई जाती है। 1 दिसंबर को एड्स को लेकर दुनिया भर में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दिन लोग एड्स से पीड़ित लोगों को सपोर्ट करने के लिए लाल रंग का रिबन भी अपने कपड़ें पर लगाते हैं।

कैसे होता है एचआईवी एड्स?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, एड्स खुद में कोई बीमारी नहीं, लेकिन लेकिन इससे पीड़ित शरीर प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को खो देता है। इसकी वजह होता है एचआईवी। एचआईवी एक वायरस है जो संक्रमण के कारण होता है। शरीर में एचआईवी संक्रमण के प्रसार के कई कारण हो सकते हैं।

असुरक्षित यौन संबंध बनाने, संक्रमित व्यक्ति के रक्त के माध्यम या गर्भावस्था में प्रसव के दौरान संक्रमित मां से बच्चे तक एचआईवी फैल सकता है। एचआईवी एड्स के सबसे अधिक मामले असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण देखने को मिलते हैं।

एचआईवी संक्रमण के लक्षण

एचआईवी संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति में वायरस की चपेट में आने के दो से चार हफ्ते के भीतर ही लक्षण नजर आने लगते हैं। प्रारंभिक स्थिति में संक्रमित को बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में खराश सहित इन्फ्लूएंजा जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है। संक्रमण बढ़ने के बाद अन्य गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं। जैसे,
-लिम्फ नोड्स में सूजन
-तेजी से वजन कम होते जाना।
-दस्त और खांसी
-बुखार आना
-गंभीर जीवाणु संक्रमण
-कुछ प्रकार के कैंसर का विकसित होना।

एचआईवी की पहचान

अगर एचआईवी के लक्षण किसी व्यक्ति में नजर आ रहे हों और इस बात को सुनिश्चित करना है कि व्यक्ति एचआईवी एड्स से संक्रमित है तो इसका एकमात्र तरीका एचआईवी की जांच है। एचआईवी जांच में पीड़ित के रक्त का सैंपल लिया जाता है। आप खुद भी एचआईवी किट के माध्यम से इसकी जांच कर सकते हैं। किसी भी फार्मेसी या ऑनलाइन माध्यम से एचआईवी सेल्फ टेस्ट किट खरीद सकते हैं।

एचआईवी संक्रमण का इलाज

एचआईवी एड्स का कोई इलाज अब तक खोजा नहीं जा सका है। इस संक्रमण के होने के बाद इससे निजात नहीं पाया जा सकता है। हालांकि दवाओं के माध्यम से एचआईवी को नियंत्रित किया जा सकता है और इस संक्रमण के कारण होने वाली जटिलताओं को भी कम कर सकते हैं। एचआईवी की दवाओं को एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) कहा जाता है। एचआईवी की गंभीरता को कम करने के लिए एआरटी शुरू का सेवन शुरू करने की चिकित्सीय सलाह देते हैं।

एड्स को लेकर जाने क्या है फैक्ट

मच्छर के काटने से एचआईवी संक्रमण नहीं फैलता है। एचआईवी मच्छर की लार में प्रजनन या जीवित नहीं रहता है। एचआईवी एक नाजुक वायरस है जो मानव शरीर के बाहर जिंदा नहीं रहता है।
-रक्तदान से एचआईवी नहीं हो सकता। रक्त एकत्र करने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री जीवाणु रहित होती है और केवल एक बार उपयोग की जाती है। लोगों को नियमित रूप से लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक या ऐसे ब्लड बैंक के तरफ से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में रक्तदान करें।
-देखभाल करने, साझा करने और मित्रता से एचआईवी नहीं फैलता है। न तो एचआईवी और न ही एड्स को ठीक किया जा सकता है।
-एचआईवी अब एक पुरानी प्रबंधकीय बीमारी है और इसे एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी से दबाया जा सकता है। पर्याप्त सावधानियों के साथ हम एचआईवी से संक्रमित अपने प्रियजनों की देखभाल कर सकते हैं।

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