MP में कॉलेज छात्रों के लिए बड़ी खबर: 20 क्रेडिट स्कोर होने पर फाउंडेशन कोर्स में फेल होने पर सप्लिमेंट्री; 12 लाख छात्रों को फायदा

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भोपाल13 मिनट पहलेलेखक: अनूप दुबे

मध्यप्रदेश में कॉलेज छात्रों के लिए बड़ी खबर है। आधार पाठ्यक्रम में 20 क्रेडिट स्कोर करने पर फाउंडेशन कोर्स में फेल होने पर भी उसे सप्लीमेंट्री मानी जाएगी। बड़ी संख्या में छात्रों के नुकसान को देखते हुए बीयू समेत कई यूनिवर्सिटी ने इसमें बदलाव की मांग की थी। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि कुल 40 क्रेडिट स्कोर में से 50% यानी 20 स्कोर होने के बाद फेल विषय को सप्लीमेंट्री मानी जाएगी। इससे 12 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को फायदा होगा। फर्स्ट ईयर में इस साल करीब साढ़े 5 लाख स्टूडेंट्स हैं। यह प्रणाली जल्द ही देश भर में लागू हो जाएगी।

इसलिए लेना पड़ा निर्णय

नई शिक्षा नीति में क्रेडिट स्कोर के आधार पर छात्रों को स्कोर करना होता है। पहले पासिंग मार्क 33 नंबर होता था, और उसमें ग्रेस मार्क 3 होते थे। उसके बाद पासिंग मार्क 35 कर दिए, लेकिन ग्रेस मार्कस 3 ही रखा। यूजी में कुल 8 सब्जेक्ट होते हैं। इसमें से एक फील्ड प्रोजेक्ट होता है। इसमें थ्योरी नहीं होती है। सभी पेपर के मिलकर कुल 40 क्रेडिट स्कोर होता है। सभी विषय के क्रेडिट स्कोर अलग-अलग होते हैं।

अभी तक सभी विषय में पास होना अनिवार्य था। इसके कारण अधिकांश छात्र 2 से ज्यादा विषय में फेल हो गए। इससे बड़ी संख्या में छात्रों का ईयर बेक का खतरा बड़ गया। इसी कारण यह निर्णय लिया गया कि अगर कोई छात्र 20 क्रेडिट स्कोर कर लेता है, तो वह चाहे जितने भी विषय में फेल हो उसे सप्लिमेंट्री दी जाएगी। अगर छात्र को क्रेडिट स्कोर 20 से कम यानी 19 रहता है, तो वह फेल माना जाएगा।

फैक्ट फाइल

क्रमांक कुल
कॉलेज 1360
यूनिवर्सिटी 56
छात्र 14 लाख 85 हजार 457
कोर्स 299

फाउंडेशन कोर्स में 4 विषय होते हैं

फाउंडेशन कोर्स में 4 विषय होते हैं। इसमें योग, हिंदी, अंग्रेजी और पर्यावरण होता है। पहले यह चारों विषय के 100-100 नंबर के चार अलग-अलग पेपर होते थे। अब इन्हें मिलाकर दो भाग यानी 100-100 नंबर के दो पेपर होने लगे हैं। इनमें छात्रों को 35-35 नंबर में पास होना होता है।

ओम एम आर बिगाड़ रही गणित

फाउंडेशन कोर्स में छात्रों को औब्जैक्टिव प्रश्न दिए जाते हैं। इसके उन्हें ओम एम आर शीट भरना होता है। इसमें गलती की कोई गुंजाइश ही नहीं रहती है। गलत होने पर कोई नंबर नहीं मिलता है। ऐसे में टीचर भी बच्चों की मदद नहीं कर पाते हैं।

विदेशी छात्रों के लिए समिति बनेगी

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि विदेशी छात्रों के आधार पाठ्यक्रम में आ रही कठिनाई के निराकरण के लिए समिति गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आधार पाठयक्रम में जो छात्र 20 या क्रेडिट से ज्यादा अर्जित किया है, परंतु फाउंडेशन में फेल हो गए हैं, वे पूरक परीक्षा दे सकते हैं।

कुलपतियों ने बदलाव की मांग की थी

जानकारी के अनुसार नई शिक्षा नीति के अनुसार क्रेडिट स्कोर होने से बड़ी संख्या में छात्रों को नुकसान हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या बीयू यूनिवर्सिटी, रीवा और विक्रम यूनिवर्सिटी में है।

कोर्स पहले बनने के कारण समस्या खड़ी

असल में नई शिक्षा नीति लागू होने के पहले ही फाउंडेशन कोर्स का सिलेबस बन गया था। इसके बाद नई शिक्षा नीति लागू हुई। विभाग की नजर उस पर गई नहीं। इतना ही नहीं पेपर के अलावा प्रैक्टिकल हुए नहीं। इसके कारण बड़ी संख्या में छात्र फेल हो गए। इस कारण छात्रों के हित में क्रेडिट स्कोर 20 के आधार पर सप्लिमेंट्री देने का निर्णय लिया गया।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि नई दिल्ली में यूजीसी के चेयरमैन प्रो. जगदीश कुमार से हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने माना है कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन के साथ स्नातक स्तर पर जो पाठ्यक्रम लागू किए हैं वह मॉडल बन सकते हैं। पूरे प्रदेश में पाठ्यक्रम का स्वरूप एक जैसा हो। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मध्यप्रदेश में लागू पाठ्यक्रम उच्च स्तरीय है। प्रयास किए जाए कि इनका लाभ विद्यार्थियों को मिले। विश्वविद्यालय नीति के लाभों पर केन्द्रित कार्यशाला करें और विद्यार्थियों को अधिक से अधिक जागरूक करें।

25 सल की कार्य योजना बनेगी

यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय अगले 25 सालों के लिए उच्च शिक्षा के बेहतर भविष्य के लिए कार्य-योजना तैयार करेगा। नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक पाठ्यक्रम की पहल से विद्यार्थी अपनी रूचि अनुसार पाठयक्रम का चयन कर, इंटर्नशिप और अप्रेंटशिप के विकल्प को अपना कर अपने कौशल को निखार सकते हैं।

ई-कंटेंट बनाए जा रहे

स्नातक प्रथम वर्ष के 85 विषय एवं द्वितीय वर्ष के 83 विषय के परिणाम आधारित पाठयक्रम पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। स्नातक तृतीय वर्ष के लिए 82 विषय के केंद्रीय अध्ययन मंडलों द्वारा 60 पढयक्रम निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही 40 प्रमुख विषयों के 1450 से अधिक ई-कंटेंट, ई-शिक्षा एलएमएस पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश की शिक्षण संस्थानों द्वारा 12 अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू किए गए हैं। इसमें प्रमुख संस्थानों के साथ ऑनलाइन व्याख्यान, सेमिनार, वर्कशॉप आदि से 157 शिक्षक और 258 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।

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