नॉलेज शेयरिंग मिशन के तहत पहला एमओयू: मप्र के 3000 मेडिकल छात्रों को मिलेगा अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी की फैकल्टी का लाभ

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भोपाल39 मिनट पहले

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पार्किंसंस, डिप्रेशन रोग पर रिसर्च के लिए प्रख्यात और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी की दवा खोजने वाली अमेरिका की ऐमरी यूनिवर्सिटी से एमपी मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने एक एमओयू किया। यह एमओयू गांधी मेडिकल कॉलेज के मुख्य सभागार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की उपस्थिति में ऐमरी यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि डॉ. मनोज जैन ने किया। इस मौके पर यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर डॉ. रेबेका मार्टिन वर्चुअली जुड़ी रही।

अप्रैल 2020 में शुरू किए गए नॉलेज शेयरिंग मिशन के तहत यह पहला एमओयू गांधी मेडिकल कॉलेज के साथ हुआ है। इसके बाद टाटा कैंसर अस्पताल, शंकर नेत्रालय, फोर्टिस हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल आदि के साथ एमओयू किए जाएंगे। इस एमओयू में कई प्रकार के काम मप्र में किए जाएंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है- मप्र के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों के करीब 3 हजार स्टूडेंट को ऐमरी यूनिवर्सिटी की फैकल्टी का सीधा गाइडेंस मिलेगा।

विभागीय मंत्री सारंग ने बताया कि इस एमओयू के बाद स्टूडेंट के साथ नॉलेज शेयरिंग के अलावा एक बड़ा काम भोपाल को टीबी मुक्त बनाने का अभियान चलाना भी है। शहर को टीबी रोग मुक्त बनाने के लिए ऐमरी यूनिवर्सिटी रिसर्च, उपचार और नवीन तकनीक उपलब्ध करवाएगी। इसी तकनीक की मदद से भोपाल के अस्पतालों में टीबी मरीजों को समय पर आइडेंटिफाई करके उनका इलाज किया जा सकेगा।

गंभीर बीमारियों के इलाज में भी मिलेगी मदद

यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट द्वारा एमपी के मेडिकल स्टूडेंट्स और टीचर्स को मेडिकल विषयों पर ऑनसाइट व ऑनलाइन लेक्चर दिए जाएंगे। लगातार वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। यूनिवर्सिटी द्वारा नवाचारों एवं नई चिकित्सा तकनीकों का आदान-प्रदान किया जाएगा। इससे गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी।

स्टूडेंट और टीचर्स के लिए ट्रेनिंग, कैपिसिटी बिल्डिंग, नॉलेज एक्सचेंज, एक्सपोजर विजिट प्रोग्राम भी करेगी। यूनिवर्सिटी द्वारा रिसर्च एवं मेडिकल साइंस के विभिन्न विषयों पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स एवं ऑब्जर्वर-शिप प्रोग्राम चलाए जाएंगे।

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