छतरपुर में किसान ने किया सुसाइड: 5 बोर कराने के बाद भी नहीं निकला पानी, कर्ज से था परेशान

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छतरपुर (मध्य प्रदेश)9 घंटे पहले
छतरपुर में किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान के परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए जहां उसका पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। परिजनों ने बताया कि मृतक बहुत परेशान था। वह सूखा से उभरा ही थी कि अतिवर्षा और फसल खराब के गम से निकला ही था कि खाद की किल्लत ने उसे घेर लिया। और बाद में बोर कराने पर भी पानी नहीं निकलने से परेशान हो गया। इन सब परेशानियों के चलते उसने सोमवार को आत्महत्या कर ली।
5 बार बोर कराने पर भी नहीं निकला पानी
मातगुंवा थाना क्षेत्र के रगौली गांव के दयाशंकर राजपूत उम्र 35 साल ने खेत पर ही फांसी के फंदे पर लटककर अपनी जान दे दी है। परिजनों का कहना है कि किसान ने एक के बाद एक कुल पांच बोर करने और भी उसमें पानी नहीं निकलना और भारी कर्ज के चलते उसने परेशान होकर देर शाम खेत में ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।
फसल का सर्वे और मुआवजा नहीं मिला
पहले तो फ़सल नुकसान का सर्वे नहीं हुआ और सरकार से फसल बीमा आदि का लाभ नहीं मिला पर इस बार फसल की आस लगाए किसान ने अपने खेत पर पानी की व्यवस्था के लिए लागातार दो बोर कराए। जिनमें पानी नही निकला और यह बोर उसने कर्ज लेकर कराए थे। अब पानी न निकलने पर आगामी फसल की सिंचाई और पज की आस भी खत्म हो गई थी जिसके चलते वह कर्ज के बोझ और उसके टेंशन में आ गया। जिससे उसने यह आत्मघाती कदम उठा लिया और अपनी जान दे दी।
बोर में पानी न निकलने से था टेंशन में किसान
मृतक किसान का भाई भूपत राजपूत बताते हैं कि भाई ने 4 दिन पहले 200 फुट बोर कराया था। 15 दिन पहले भी 200 बोर कराया था। जिसमें 110 रुपए फिट के हिसाब से खर्च हुआ। मोटर भी लगवाया पर पानी नहीं निकला जिससे भाई परेशान था। हमने शाम 7:30 बजे भाई को खेत पर फोन करके कहा कि घर आ जाओ खाना खा लो तो भाई ने कहा थोड़ी देर में आते हैं। और हम एक कार्यक्रम में चले गए जब देर रात 10 बजे हम लौटे और बच्चों ने बताया कि पिताजी घर पर नहीं आए तो खेत पर गए और घटना की जानकारी लगी।
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