बाबा महाकाल की शाही सवारी आज: कार्तिक-अगहन माह की अंतिम सवारी में चन्द्रमोलेश्वर रूप में दर्शन

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उज्जैनएक घंटा पहले

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उज्जैन। शिव की नगरी उज्जयिनी में सोमवार 21 नवंबर को हजारों भक्त शिवमय हो जाएंगे। सोमवार को प्रदोष होने से सोम प्रदोष का महत्व भी है । इस अवसर पर राजाधिराज श्री महाकाल की शाही सवारी भी निकलेगी। राजा महाकाल शाही अंदाज में पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेगें। शाही सवारी का भ्रमण मार्ग भी अन्य सवारियों की अपेक्षा लंबा हो जाएगा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में मार्गशीर्ष (अगहन) माह की अंतिम सवारी शाही सवारी के रूप में सोमवार 21 नवंबर को सायं 4 बजे नगर भ्रमण पर निकलेगी। पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर विराजित रहेंगे। सभामंडप में पूजन होने के पश्चात मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी दी जाएगी। सवारी में अश्वारोही दल, पुलिस बैण्ड, भगवान श्री महाकालेश्वर का चांदी का ध्वज के साथ, भगवा ध्वज, भजन मंडलियां सम्मिलित होगी। सवारी के पहले दोपहर ढाई बजे से सोम प्रदोष होने से सबसे पहले कोटितीर्थ कुंड स्थित कोटेश्वर महादेव का पूजन-अभिषेेक होगा। इसके पश्चात गर्भगृह में भगवान महाकाल का पूजन-अभिषके किया जाएगा।

शाही सवारी मार्ग बढ़ जाएगा

श्री महाकालेश्वर मंदिर से सवारी पूजन के बाद प्रारंभ होकर महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी, होते हुए रामघाट पहुंचेगी। जहां पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर का माँ शिप्रा के जल से अभिषेक-पूजन होगा। पूजन के पश्चात वापसी में सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, मिर्जा नईमबेग मार्ग, तेलीवाडा चौराहा, कंठाल चौराहा, सतीगेट, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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