बदबूदार हुआ सीप नदी का पानी: सीप में गिर रही शहर के 18 नालों की गंदगी, इसलिए नदी की सतह पर अभी से छा गई प्रदूषण की काई

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श्योपुरएक घंटा पहले
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सितंबर तक विकराल रूप दिखाने वाली सीप नदी की जलधारा नवंबर खत्म होने से पहले ही थम गई है। नदी का पानी दूषित होने के साथ ही बंजारा डैम से लेकर नागदा रोड तक नदी की सतह पर काई चढ़ गई। करीब तीन किलोमीटर लंबे दायरे में काई छाने के साथ ही पानी भी बदबूदार हो गया है। शहर समेत जिले के सवा सौ गांव की लाइफलाइन कही जाने वाली सीप नदी में बढ़ते जल प्रदूषण ने तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
सीप नदी की यह दुर्दशा शहरी क्षेत्र में मिल रहे 18 गंदे नालों की वजह से हुई है। उधर सीप नदी पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की नगरपालिका की योजना 12 साल से फाइल में दबकर रह गई है। दरअसल नगरपालिका ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए शासन से 10.50 करोड़ रुपए की डिमांड की थी। लेकिन राज्य सरकार से एक पैसा नहीं मिला है।अशोधित जल के निपटान की कोई व्यवस्था नहीं होने से आधे शहर की सीवरयुक्त गंदगी सीप नदी में समा रही है।
गंदे नालों के साथ बड़ी मात्रा में पॉलीथिन कचरा नदी में जा रहा है। यही वजह है कि सीप नदी का पानी हाथ धोने लायक भी नहीं रहा। पानी में काई, दुर्गंध और किनारों पर पॉलीथिन कचरा नदी किनारे बसे सैंकड़ों परिवार के लिए मुसीबत बन रहा है। हालांकि नगरपालिका के जिम्मेदार सीप नदी के शुद्धिकरण का काम प्राथमिकता से कराने की बात कह रहे है।
सीप नदी में जल प्रदूषण रोकने यह तीन काम जरूरी
1- सीप नदी में मिल रहा गंदे नालों का पानी साफ करने के लिए प्लांट बनाना जरूरी होगा ।
2- नाले के अंतिम मुहाने पर जाल लगाकर शहर का प्लास्टिक कचरा नदी में गिरने से रोक सकते है।
3- गंदे नाले का बहाव डायवर्ट करें , ऐसा संभव न हो तो गंदा पानी नदी के जलभराव क्षेत्र से बाहर छोड़ा जा सकता है ।
75 किमी लंबे दायरे में सीप नदी किनारे हो रहा अतिक्रमण, कार्रवाई नहीं
सीप नदी शहर समेत जिले के 125 गांव की जीवनदायिनी कहलाती है। यह नदी अपने उदगम स्थल कराहल क्षेत्र के ग्राम पनवाड़ा से करीब 75 किलोमीटर लम्बे दायरे में बहते हुए रामेश्वर धाम में चंबल और बनास नदियों के साथ मिलकर त्रिवेणी संगम का पवित्र संयोग बनाती है। लेकिन प्रशासन की अनदेखी और निजी स्वार्थ के चलते सीप नदी में जल प्रदूषण के साथ ही किनारे भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण के कारण गर्मी से पहले ही सूखने लगती है।
सीप में बढ़ता जल प्रदूषण चिंता का विषय
“सीप नदी हमारी लाइफ लाइन है,इसमें बढ़ता जल प्रदूषण चिंता का विषय है। जल प्रदूषण रोकना हमारी प्राथमिकता में है। इसके लिए जल्द प्लान बनाकर धरातल पर काम शुरू किया जाएगा।”
-रेणु सुजीत गर्ग, अध्यक्ष, नपा श्योपुर
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