पुलिसकर्मियों को ढाबे मालिक से मारपीट पड़ी मंहगी: मुफ्त का खाने और पीटने पर की शिकायत, तो एनडीपीएस एक्ट में बना दिया आरोपी; कोर्ट ने तीनों को दी सजा

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नरसिंहपुर13 मिनट पहले
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गाडरवारा के एक ढाबा संचालक से मारपीट में तीन पुलिसकर्मियों को दोषी मना है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गाडरवारा ने तीन-तीन माह के कारावास व एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने गाडरवारा थाने के सिपाही द्वारका यादव, विजय प्रसाद पटेल, राजेश शर्मा को दोषी माना है।
पीड़ित कपिल पिता हरिशंकर दुबे ने सिपाहियों के अलावा पूर्व टीआई आरडी मिश्रा, सिपाही मुरारी जाटव, एएसआई एसवाय खान के खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया था। इस मामले में आरडी मिश्रा के शुरू से गैरमौजूद रहने से उन्हें फरार घोषित कर दिया था। उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया था। आरोपी मुरारी जाटव को लकवाग्रस्त होने और ब्रेन हेमरेज का ऑपरेशन होने, उसके चलने-फिरने बोलने में असमर्थ होने की वजह से मामले से अलग कर दिया था। अभियोजन के अनुसार पीड़ित का डमरूघाटी के सामने ढाबा है। वर्ष 2009 में तत्कालीन थाना प्रभारी आरडी मिश्रा और शेष आरोपी उनके अधीनस्थ थे।
पीड़ित को बनाया एनडीपीएस एक्ट में आरोपी
यह सभी रात को 9-10 बजे आते थे। जबरदस्ती ढाबे में बैठकर बिना पैसा दिए भोजन करते और गालियां देते थे। उन्होंने होटल के कर्मचारियों से कई बार मारपीट की, जिससे परेशान होकर उसने पुलिस मुख्यालय भोपाल, एसपी, गृहमंत्री, सचिवालय आदि सभी जगह अलग-अलग शिकायतें दी थी। इससे आक्रोशित होकर आरोपियों ने उसे मारपीट कर हवालात में बंद कर दिया था। उससे कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए और उसे एनडीपीएस एक्ट में आरोपी बना दिया।
पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग
पीड़ित ने उच्च न्यायालय में रिट याचिका पेश की। एसपी को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश मिले। हालांकि एएसपी की जांच में आरोपियों को बचा लिया गया। पीड़ित ने फिर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। बाद में प्रथम श्रेणी न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ परिवाद प्रस्तुत किया। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। पीड़ित ने कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की है।

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