दो कृषि केंद्रों का लाइसेंस निरस्त: किसानों को अमानक धान बीज विक्रय करने का मामला, उप संचालक कृषि ने की कार्रवाई

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बालाघाट8 घंटे पहले
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उप संचालक कृषि एवं अधिसूचित अधिकारी राजेश खोब्रागड़े ने किसानों को अमानक धान बीज विक्रय करने के मामले में एक्शन लिया है। लिल्हारे कृषि केंद्र भौरगढ़ और यश कृषि केन्द्र नवेगांव का बीज व्यवसाय लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। इन कृषि केंद्रों के संचालकों को अमानक बीज के लॉट के बचत स्कंद को छोड़कर शेष कंपनियों के बचत स्कंद को विक्रय करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है।
प्रयोगशाला में कराई गई थी जांच
बीज निरीक्षक ने खैरलांजी तहसील के अंतर्गत में लिल्हारे कृषि केंद्र भौरगढ़ पंकज लिल्हारे से 8 जुलाई को बीज उत्पादक कंपनी सोनम सीड टेक्नालाजी माधवपुर, हैदराबाद द्वारा उत्पादित धान बीज किस्म-पिन्टू का नमूना लिया। बीज परीक्षण प्रयोगशाला जबलपुर भेजा गया। बीज परीक्षण अधिकारी जबलपुर से 10 अगस्त को प्राप्त रिपोर्ट में बताया गया कि धान बीज किस्म-पिन्टू का मानक अंकुरण 80 प्रतिशत की जगह 64 प्रतिशत पाया गया है। जिसके कारण यह धान बीज किस्म-पिन्टू अमानक स्तर का है।
बीज नमूना अमानक पाये जाने पर संबंधित लाट के धान बीज के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लिल्हारे कृषि केंद्र भौरगढ़ के पंकज लिल्हारे को कारण बताओ नोटिस जारी कर 30 अगस्त को समक्ष में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया। लेकिन धान बीज के संबंध में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। वे स्वयं भी उपस्थित नहीं हुए।
जिस पर उनका धान बीज विक्रय का लाइसेंस निलंबित कर 21 दिनों के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया। लेकिन वे समय सीमा में अपना पक्ष रखने उपस्थित नहीं हुए और धान बीज के संबंध में कोई दस्तावेज भी उनके द्वारा प्रस्तुत नहीं किया। जिस पर उनका धान बीज विक्रय का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
पेश नहीं कर पाए दस्तावेज
इसी प्रकार बीज निरीक्षक ने 23 जून को कटंगी तहसील के अंतर्गत बीज विक्रेता मेसर्स यश कृषि केंद्र नवेगांव यशपाल राउत के विक्रय परिसर से बीज उत्पादक कंपनी रामकृष्णा सीड क्रापकेयर प्राइवेट लिमिटेड, जिला करीमनगर द्वारा उत्पादित धान बीज किस्म बाहुबली-22 का नमूना लिया। प्रयोगशाला जांच के लिए जबलपुर भेजा।
बीज परीक्षण अधिकारी जबलपुर से 26 जुलाई को प्राप्त रिपोर्ट में धान बीज किस्म बाहुबली-22 प्रयोगशाला जांच में मानक अंकुरण 80 प्रतिशत की जगह 70 प्रतिशत पाया गया। जिसके कारण धान बीज किस्म बाहुबली-22 को अमानक स्तर का माना गया। इस धान बीज के लाट के विक्रय पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया।
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