Chhattisgarh

KORBA: अधिकारियों की मिली भगत से विद्युत विभाग के खम्बों की बिक्री….बिजली बोर्ड को लाखों का चूना

विद्युत वितरण विभाग के खम्बों को जमीन खा गई या आसमान?

कोरबा,14 नवम्बर । कोरबा में वर्ष 10-11 में शहरी विद्युतीकरण योजना के तहत नगर निगम एरिया में बिजली चोरी,लाइन लॉस रोकने लोड सेंडिंग,11 केवीए,33 केवीए को आगे बढने पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने की योजना जिसका नाम आर.ए. पी.डी.आर.पी योजना लाई गई थी जिसके तहत करोड़ो रूपये का कार्य विद्युत वितरण ज़ोन जैसे तुलसी नगर, पाडिमार जोन, दर्री जोन, हरदी बाजार जोन आदि स्थानों में बड़े पैमाने पर ट्रान्सफार्मर, एरियल बैंच केबल लगाया गया था। इसी कड़ी में कोरबा के तुलसी नगर जोन में तुलसी नगर सबस्टेशन से राताखार बाईपास होते हुए सर्वमंगला पुल तक 11 केवीए की लाइन का विस्तार कर उस क्षेत्र में बिजली की समस्या दूर की गई थी। कुछ समय पूर्व शहर मोतीसागर पारा सबस्टेशन के नाम पर 33 केवीए की लाइन निकली गयी जो कि राताखार बाईपास होते हुए सर्वमंगला पूल के नीचे से मोतीसागर पार सबस्टेशन पहुँचा जिसमे 13 मीटर एच बीम पोल का प्रयोग किया गया जबकि उसी लाइन में पूर्व में उपयोग में लाई गई 11 मीटर एच् बीम पोल को क्या जमीन खा गई या आसमान ये तो विभाग के अधिकारी बतायेगे क्यो की वह खंभा सबस्टेशन पहुचने से पहले अधिकारियों की मिली भगत से बाहर ही बाहर किसी ठेकेदार को खाप दिया गया और विद्युत विभाग की संपत्ति से अपनी जेब गर्म कर लिया गया। इस संबंध में जब तत्कालीन एई टीआर कोशरिया से जानकारी मांगी गई तो उनके द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। ऐसा ही दूसरा मामला वह भी आरएपीडीआरपी योजना के तहत कराए गए कार्य की है उसमें भी लगभग 50 से 60 खम्बे बेच कर अधिकारी अपना वारा न्यारा कर लिया।

पाडिमार जोन में आने वाले रिसदी फीडर से होते हुए नकटीखार रिंगरोड बाईपास होते हुए लोवोटेज झेल रहे भिलाईखुर्द क्रमांक 1 में 4 से 5 , 63 केवीए ट्रान्सफार्मर को चार्ज किया गया था परंतु आज उस बाईपास में लगे एच बीम खम्बो को मिलीभगत कर बेच दिया गया पर इस मामले में मुख्य बात ये रही कि दो अधिकारियों के बीच लेनदेन को ले कर काफी कहासुनी भी हुई लेकिन आपसी समझौते के बाद बात खुलते खुलते रह गई।

बहरहाल इन दोनों मामले में विद्युत वितरण विभाग को 80 से 90 एच बीम खम्बों जिसमे प्रति खम्बों की कीमत 30-35 हजार मानी जाती है,इस लिहाज से विद्युत वितरण विभाग को आपसी मिलीभगत कर 28 लाख रुपयों का चूना लगा कर अपनी जेब गर्म किया जा चुका है जबकि ट्रान्सफार्मर से कापर आदि चोरी आम बात है जबकि यह 11 मीटर लोहे का खंभा है जिसको बिना विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत से किया गया है। देखना यह है कि इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण में पदस्थ ईमानदार अधिकारी कितना संज्ञान में लेते है औऱ दोषियों पर क्या कार्यवाही करते है।

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