2 हजार में दम नहीं, 10 हजार से कम नहीं..: इन नारों से गूंज उठा खंडवा शहर, आशा-उषा वर्कर ने निकाली रैली

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खंडवा5 घंटे पहले

आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने निकाली रैली।

प्रदेश में कार्यरत आशा और उषा वर्कर को वेतन नहीं मिलता है। अब तक उन्हें न्यूनतम मानदेय पर ही काम करना पड़ रहा है। जो महज गांव से शहर आने के किराए-भाड़े में ही खत्म हो जाता है। ऐसी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर वर्कर्स ने रैली निकाली और जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद सीएमएचओ कार्यालय जाकर ज्ञापन दिया। 2 हजार में दम नहीं, 10 हजार से कम नहीं.. नारे खूब लगाएं।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के नाम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मध्य प्रदेश में आशा और उषा कार्यकर्ता अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर 14 नवंबर से प्रदेश व्यापी हड़ताल पर है। इसी के चलते आज खंडवा में आशा और उषा कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में कलेक्टर कार्यालय धरना स्थल से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय तक रैली निकाली। जो शहर के मुख्य मार्गो से निकली। इस दौरान रैली में सरकार के खिलाफ उन्होंने जमकर नारेबाजी की।

आशा कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षकों ने कहा कि पूर्व में सरकार ने आशा कार्यकर्ता के लिए 10 हजार रुपए और पर्यवेक्षक के लिए 15 हजार रुपए देने की बात कही थी, पर आज दिनांक तक उस आदेश पर कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही हम लोगों से स्वास्थ्य संबंधित जो अलग अलग कार्य करवाए जाते है, उसका मानदेय भी समय पर नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जल्द हमें शासकीय कर्मचारी दर्ज दिया जाए। उसके अनुसार वेतन हमें मिले।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद हरणे ने बताया कि, आशा कार्यकर्ताओं को आश्वासन देते हुए कहा, जो भी जिला स्तर की मांग है उनको पूरी करने के लिए हम कोशिश करेंगे। शासन स्तर की जो मांगे है उनके लिए हम आज ही ज्ञापन उच्च अधिकारियों को भेजेंगे।

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