न्यायालय का फैसला: शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष की सजा

[ad_1]

बालाघाट36 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

नाबालिग को पत्नी की तरह रखकर ज्यादती के आरोपी युवक को अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई हैं। वारासिवनी अदालत के विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट लालबर्रा के आरोपी को भादवि की धारा- 376के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 200 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा व 200 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से शशिकांत पाटिल विशेष लोक अभियोजन अधिकारी वारासिवनी की ओर से पैरवी की गई।

रिश्ते में बुआ का पुत्र है आरोपी

विमल सिंह सहा.जिला लोक अभियोजन ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पीड़िता कक्षा 10वीं में अनुत्तीर्ण होने के कारण सिलाई का काम सिख रही थी। अभियुक्त उसकी बुआ का पुत्र है। जो कि पीड़िता के घर आता-जाता था।

अगस्त 2018 में उसने नाबालिग पीड़िता से विवाह करने को कहा, उसके 2 दिन बाद अभियुक्त के कहने पर पीड़िता 17 अगस्त 2018 को घर में यह कहकर की मित्र के यहां जा रही है, घर से निकली। जहां से अभियुक्त उसे मोटर साइकिल से स्वयं के गांव ले गया।

दूसरे दिन अभियुक्त ने सुबह पीड़िता को ट्रेन से गोंदिया और गोंदिया से हैदराबाद ले गया। जहां पर उसे रखा और विवाह करने को कहकर अगस्त 2018 से उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता रहा।

गर्भवती होने के बाद विवाह करने से मुकर गया युवक

नाबालिग पीड़िता ने दो ढाई महीने की गर्भवती होने की बात अभियुक्त को बताई और विवाह करने को कहा। पीड़िता का स्वास्थ्य खराब होने पर 25 फरवरी 2019 को अभियुक्त उसे घर ले आया। जहां पर वह 8-10 दिन रही, वह उसे छोड़कर फिर हैदराबाद चला गया।

17 अगस्त 2018 को पीड़िता के घर से चले जाने और वापस नहीं आने से माता-पिता की ओर से आसपास तलाश किया गया। पता नहीं चलने पर पीड़िता के पिता ने दिनांक 20 अगस्त 2018 को थाना लालबर्रा में अज्ञात व्यक्ति पर रिपोर्ट हुई। उक्त घटना के संबंध में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उक्त मामले में माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत आरोपी को दोषी पाते हुए 20 वर्ष का कारावास व अर्थ दंड से दंडित किया।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button