इंदौर की गलियों की कहानी कहती वेबसीरीज ‘सिक्सर’: एक्टर बोले- एक्टिंग में सफलता पाना है तो नेपोटिज्म और ऐसे एक्सक्यूज को दूर रखें
[ad_1]
इंदौरएक घंटा पहले
इंदौर की गलियों के किस्सों से बनी है सीरीज सिक्सर। ये सीरीज चर्चा का विषय भी बन चुकी है। इस सीरीज को गली क्रिकेट और विजय नगर चौराहे पर होने वाले एक टूर्नामेंट के आसपास गुंथा गया है।
आइए अब आपको बताते हैं कि इस सीरीज से जुड़ी कुछ रोचक बातें…
यह कहानी निक्कू नाम के किरदार के आसपास घूमती है, जिसे निक्कू द डिस्ट्रॉयर कहा जाता है। जो अपने अहंकार में अपनी टीम से अलग भागता है और सभी को अपने आप से कमजोर देखता है, इस किरदार के आसपास घूमते हर अच्छे-बुरे किस्सों को एक धागे में पिरोया गया है और दर्शकों के सामने परोसा गया है। सीरीज के डायरेक्टर के मुताबिक क्रिकेट कभी ना कभी हर किसी के जीवन का एक हिस्सा रहा है और हर किसी का बचपन रहा है तो कहीं ना कहीं यह सीरीज लोगों के जीवन में एक कनेक्ट बना पाएगी।
फिल्म सिक्सर का एक सीन।
ये है एक्टिंग में सफलता का मंत्र
शिवांगकिंत सिंह परिहार ने बताया कि एक्टिंग में अगर सफलता पाना है तो नेपोटिज्म और ऐसे अन्य एक्सक्यूज इसको दूर रखना पड़ेगा। क्योंकि अगर एक्टिंग से नेपोटिज्म जैसे शब्द को हटा भी दिया जाए तो लोन स्टार किड्स के अलावा भी ऐसे कई कलाकार है जो एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) और थिएटर से निकल कर आए हैं जो काफी मंजे हुए कलाकार है अगर हम अपने किसी भी पैशन या कहीं की एक्टिंग को अपने लेवल पर बेहतर बनाए तो एक्टिंग में सफलता पाई जा सकती है।
सीरीज में जेंडर इक्वेलिटी की झलक
गली क्रिकेट टीम में गर्ल पॉवर को रिप्रेजेंट करती गार्गी का किरदार निभाने वाली करिश्मा लड़के और लड़की में किसी भी तरह से भेदभाव ना होने की बात में विश्वास रखती है, उन्होंने कहा कि न कभी उन्होंने घर में भेदभाव देखा हैं ओर ना ही आसपास। जैसा सीरीज में बताया गया ठीक उसी तरह आज के समय में लड़की और लड़के अलग नहीं बल्कि दोनों ही एक ही ग्रुप का हिस्सा है। जिस तरह गार्गी ना सिर्फ कोई लड़की बल्कि क्रिकेट टीम की एक प्लेयर की आइडेंटिटी रखती है।
Source link