इलाज की सुविधा: संदिग्ध कैंसर मरीजों की बायोप्सी जांच अगले माह से होगी शुरू, अभी 600 से 8 हजार खर्च

[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Mp
- Khandwa
- Biopsy Test Of Suspected Cancer Patients Will Start From Next Month, Now 600 To 8 Thousand Will Be Spent
खंडवा36 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

मेडिकल कॉलेज में पैथालॉजी विभाग ने तैयार किया हिस्टोपैथोलॉजी लैब, ट्रायल शुरू
संदिग्ध कैंसर मरीजों की बायोप्सी जांच का ट्रायल मेडिकल कॉलेज में शुरू हो गया है। कॉलेज की हिस्टोपैथोलॉजी लैब से अगले महीने मरीजों को रिपोर्ट भी मिलने लगेगी। इससे मरीजों को कैंसर जैसी जटिल बीमारी की जांच लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे मरीजों के पैसों के साथ समय भी बचेगा। जानकारी के मुताबिक कॉलेज के पैथॉलाजी विभाग लैब की शुरूआत जिला अस्पताल परिसर में करने वाला था लेकिन वहां पर भवन नहीं मिल पाया। इस कारण विभाग ने मेडिकल कॉलेज में ही हिस्टोपैथोलॉजी लैब तैयार कराई। जहां पर नियमित मरीजों के सैंपल लेकर टेक्नीशियन टेस्ट प्रोटोकॉल के तहत सेक्शन कटिंग कर टिश्यू की जांच माइक्रोस्कोप से कर रहे हैं।
प्रारंभिक तौर पर की जा रही जांच की रिपोर्ट के साथ ही सैंपल को प्रिजर्व भी किया जा रहा है। इंदौर से टेस्ट रिपोर्ट की क्वालिटी ओके होने पर मरीजों को दिसंबर-2022 से रिपोर्ट दिए जाने की संभावना है। क्योंकि पैथालॉजी विभाग की एक लैब टेक्नीशियन को कॉलेज ने इंदौर में विशेष तौर पर दो बार कैंसर सेंपल जांच का प्रशिक्षण दिलाया है। विभाग की प्रशिक्षित टेक्नीशियन लैब के अन्य स्टॉफ को कैंसर टेस्ट के तरीके का प्रशिक्षण भी दे रही हैं।
खर्च: इंदौर के निजी लैब में बायोप्सी टेस्ट पर खर्च 6 सौ से 8 हजार रुपए, जिले में 35 कैंसर मरीजों का हो रहा इलाज
शहर की किसी भी लैब में बॉयोप्सी टेस्ट नहीं होता। मरीजों को जांच के लिए इंदौर जाना पड़ता है। निजी लैब संचालक ने बताया हम मरीज का सैंपल लेकर यहां से इंदौर भेजते हैं। बायोप्सी टेस्ट पर लगभग 600 से 8000 रुपए तक का खर्च आता है। इस टेस्ट से मरीज में कैंसर के स्टेज के साथ ही टीबी जैसी अन्य गंभीर बीमारी का भी पता लग जाएगा।
असंचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ.विशाल श्रीवास्तव ने बताया जिले में कुल 35 कैंसर के मरीज हैं। जिसमें ब्रेस्ट, ओरल और सर्वाइकल कैंसर शामिल हैं।
इंदौर से मरीजों के लाइन ऑफ ट्रीटमेंट तय होने पर जिला अस्पताल में कैंसर मरीजों की कीमोथैरिपी-इम्युनिथै रिपी की जाती है। अस्पताल में मरीजों के लिए रेडियोथैरेपी की सुविधा नहीं है। लेडी बटलर में महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की जाती है। वहीं फील्ड में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर मरीजों में ओरल, ब्रेस्ट और सरवाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग कर मरीजों को जांच के लिए अस्पताल भेजते हैं।
मेडिकल कॉलेज में हिस्टोपैथोलॉजी लैब में बायोप्सी का ट्रायल शुरू
^मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध कैंसर मरीजों की बायोप्सी जांच का ट्रायल शुरू हो चुका है। कॉलेज की हिस्टोपैथोलॉजी लैब से अगले महीने मरीजों को रिपोर्ट मानक टेस्ट में ओके होने पर मिलने लगेगी।
डॉ.अनंत पवार, डीन, मेडिकल कॉलेज
Source link