खाद बांटने का जिम्मा सिर्फ मार्कफेड और मार्केट को…: सरकार ने सहकारी समितियों को नगद में खाद बेचने से रोका, इसीलिए आफरा-तफरी

[ad_1]

खंडवा/सावन राजपूत43 मिनट पहले

विपणन संघ के डबल लॉक केंद्रों पर किसानों की जुटती है भीड़।

मध्यप्रदेश में रबी सीजन की शुरुआत में ही खाद संकट गहरा गया है। सरकार के मुखिया भले ही पर्याप्त स्टॉक बता रहे है लेकिन हकीहत यहीं है कि खाद के इंतजार में कई किसान बोवनी नहीं कर पाए है। जिलों में खाद का नकद में वितरण सिर्फ मार्कफेड से हो रहा है, बाकी मार्केट। वजह यह कि सरकार ने सहकारी समितियों को नकद में खाद बेचने पर रोक लगा रखी है। ऐसे में वे सिर्फ कर्जदार किसानों को खाद बांट रही है। ऐसे डिफॉल्टर समेत अन्य किसानों का आंकड़ा 70 फीसदी है, जो परेशान है।

ऐसे समझिए किसानों की परेशानी, बोवनी अधर में अटकी

प्रदेश के कई जिलों में खाद उपलब्ध नहीं है, कहीं यूरिया है तो डीएपी नहीं और डीएपी है तो यूरिया नहीं। सरकार ने तो डीएपी का विकल्प तक एनपीके को बता दिया है। ऐसे में जो किसान बोवनी से रह गए है, उनके पास पानी की पर्याप्तता नहीं है, वे सीजन चूकने के डर से एनपीके के साथ बुआई कर रहे है। लगभग यूरिया की पर्याप्तता तो हर जिले में है लेकिन आफरा-तफरी ज्यादा है। इसकी वजह जिले भर के किसानों का एक ही जगह स्थान यानी मार्कफेड (विपणन संघ) के गोदामों पर इकट्ठा होना है। जब एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में किसान आएंगे तो स्वभाविक है कि थोड़ी सी किल्लत का मैसेज भी उन तक पहुंचता है तो हंगामा खड़ा हो जाता है।

सहकारी समितियों से खाद वितरण में होती है सहूलियत – किसानों को सहकारी समितियों से खाद वितरण में सहूलियत होती है। क्योंकि, सहकारी समिति का खाद वितरण केंद्र उन्हीं के गांव में होता है या फिर 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में। वहां किसान को न तो भीड़ मिलती है और न ही भटकना पड़ता है। उन तक आसानी से मैसेज आ जाता है कि सोसायटी में खाद है या नहीं। लेकिन इस साल सहकारी समितियां सिर्फ कर्जदार किसानों को खाद दे रही है। जिस किसान ने उनसे कर्ज ले रखा है और रेगुलर है तो ही खाद मिलेगा। बाकी डिफॉल्टर (एनपीए) और बगैर सोसायटी कर्ज के खेती करने वाले किसानों के लिए मार्केट और मार्कफेड का रास्ता खुला होता है।

22 नवंबर को भाकिसं का भोपाल में बड़ा आंदोलन

इधर, खाद को लेकर किसानों की समस्या बरकरार है। जिसे लेकर भारतीय किसान संघ ने भोपाल में बड़ा आंदोलन करने की रणनीति बना ली है। भारतीय किसान संघ के खंडवा प्रवक्ता सुभाष पटेल ने बताया कि हम खाद को लेकर विपणन संघ, कलेक्टर और तमाम अफसर, जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर चुके है, मुलाकात हो चुकी है। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकलकर आया। भारतीय किसान संघ के बैनर तले 22 नवंबर को भोपाल में आंदोलन किया जाएगा।

सीएम बोले- खाद की कमी नहीं, अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

‘प्रदेश में लगातार खाद की आपूर्ति की जा रही है। हम खाद की कमी नहीं आने देंगे। तकनीकी कारणों से बीच में थोड़ी दिक्कत आई थी। खाद की उपलब्धता है। मैं आपको आश्वस्त कर रहा हूं। आप बिल्कुल चिंता न करें। जरूरत के अनुसार खाद मिलेगी। कुछ लोग अफवाह और भ्रम फैलाकर प्रदेश में अराजकता का माहौल बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों से हम सख्ती से निपटेंगे। गड़बड़ करते हुए पाया जाएगा, तो कार्रवाई होगी। आप आश्वस्त रहें आपको पर्याप्त खाद उपलब्ध कराई जाएगी।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

इधर, प्रदेश भर में खाद को लेकर बवाल के हालात.. सरकार-विपक्ष भी आमने-सामने

विधायक की मौजूदगी में खाद की ‘लूट’..

बात शुरू होती है 10 नवंबर को रतलाम की आलोट विधानसभा से कांग्रेस विधायक मनोज चावला पर लूट की FIR से। चावला पर आरोप है कि उन्होंने एमपी सहकारी विपणन संघ के गोदाम का शटर ऊंचा कर किसानों से यूरिया ले जाने को कहा था। गोदाम अधिकारी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। आलोट पुलिस ने विधायक के खिलाफ लूट, सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की है। बता दें, आरोप सिद्ध होते हैं तो विधायक को 10 साल तक की सजा हो सकती है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

खाद की कमी पर मुख्यमंत्री-नेता प्रतिपक्ष आमने-सामने

शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को वीडियो मैसेज जारी कर किसानों को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। जरूरत के मुताबिक खाद मिलेगा। खाद को लेकर कुछ लोग अफवाह और अराजकता फैला रहे हैं। खाद को लेकर अफवाह फैलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने आपत्ति जताई है। सीएम के बयान का विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खाद को लेकर सीएम ने जो बयान दिया है, मैं उसका विरोध करता हूं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button