विश्व डायबिटीज दिवस आज: डायबिटीज के मरीजों में 20 फीसदी की उम्र 20 से 30 साल, डॉक्टर बोले-एक घंटे रोज साइकिलिंग और वॉक करने से नहीं रहेगा खतरा

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- 20 Percent Of Diabetes Patients Are 20 To 30 Years Old, The Doctor Said – Cycling And Walking For One Hour Daily Will Not Be A Danger
ग्वालियर14 मिनट पहले
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डायबिटीज पहले 40 साल से अधिक उम्र के मरीजों में देखने को मिलती थी लेकिन अब यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से गिरफ्त में ले रही है।
डायबिटीज पहले 40 साल से अधिक उम्र के मरीजों में देखने को मिलती थी लेकिन अब यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से गिरफ्त में ले रही है। डायबिटीज के मरीजों में करीब 20 फीसदी 20 से 30 साल उम्र के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि व्यायाम और व्यवस्थित जीवन शैली को अपनाकर इस बीमारी से न केवल छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि अन्य बीमारियां से भी बच सकते हैं। युवाओं में डायबिटीज होने का प्रमुख कारण वजन अधिक होना, एक्सरसाइज न करना और पढ़ाई-नौकरी का तनाव है।
वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत अग्रवाल के अनुसार माता-पिता को डायबिटीज है, उनके बच्चों में डायबिटीज होने की संभावना सबसे अधिक रहती है। व्यक्ति वजन कम और पेट कम का सिद्धांत अपना ले तो वह डायबिटीज से बच सकता है। डायबिटीज से बचने के लिए 45 मिनट से 1 घंटे की साइकिलिंग व वॉकिंग करें। कार्बोहाइडेटयुक्त पदार्थों का सेवन कम से कम करें।
जयारोग्य अस्पताल के वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यम जयंत का कहना है कि ओपीडी में दिखाने आने वाले डायबिटीज के 20 फीसदी मरीज युवा हैं। उन्होंने कहा कि 100 में से 47 फीसदी लोगों को डायबिटीज का पता ही नहीं है। डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. विज्ञान मिश्रा ने बताया कि एबीए 1 सी की जांच से हम तीन माह की शुगर की स्थिति पता कर सकते हैं। साल में हर व्यक्ति को एक बार डायबिटीज की जांच अवश्य कराना चाहिए।
रतन ज्योति नेत्रालय की संचालक डॉ. प्रियंवदा भसीन ने कहा कि डायबिटीज आंखाें के पर्दे पर असर डालती है जिससे पर्दे में डायबिटीज रेटीनोपैथी हो जाती है। एडवांस स्थिति होने पर कई बार इसके लक्षण नहीं आते हैं जिससे अंधत्व आ सकता है। डायबिटीज से मोतियाबिंद जल्दी आता है और कालापानी की संभावना अधिक है, इसलिए हर डायबिटीज के मरीज को साल में एक बार आंख के पर्दे की जांच करनी चाहिए। समय पर इलाज मिलने पर आंख बच सकती है। डायबिटीज और ब्लडप्रेशर काे कंट्रोल में रखें।
बचाव के लिए ये 5 उपाय करें…
1. खान-पान को नियत्रित करें 2. व्यायाम रोज करें 3. तनाव को कम करें 4. धूम्रपान का सेवन न करें 5. वैद्य या डॉक्टर की सलाह का पूरी निष्ठा के साथ पालन करें।
इन्होंने जीवन शैली में बदलाव कर बीमारी पर विजय पाई
केस:1- राजेश सहगल (29) को छह माह पहले चक्कर आए तो उन्होंने शुगर की जांच कराई। उन्हें पता चला कि वह डायबिटिक हो गए हैं। उनकी डायबिटीज 450 तक पहुंच गई है। विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद उन्होंने खानपान और दिनचर्या में बदलाव किया। एक घंटे रोज साइकिलिंग और वॉक करने के साथ ऐसे पदार्थों का सेवन कम किया जो वजन बढ़ाते हैं। यही कारण है कि उनकी शुगर नॉर्मल हो गई।
केस: 2- रोहित सिंह (31) का वजन 104 किलो था और उनकी डायबिटीज खाली पेट 220 तथा खाना खाने के बाद 316 रहती थी। दवाओं और इंसूलिन के साथ-साथ उन्होंने जीवन शैली में बदलाव किया। 45 मिनट नियमित साइकिंलिंग करने के साथ ही कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थों का सेवन बहुत कम कर दिया। छह माह में शुगर नियंत्रित हो गई और दवाएं भी बंद हो गईं।
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