डिंपल पंप रेलवे फाटक पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक: आरओबी बने तो सदर से गणेश-दुर्गा प्रतिमाएं शहर में आने लगेंगी

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सागर14 मिनट पहले

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प्रदेश सरकार के बजट-2021 में सागर जिले को 12 रेलवे ओवरब्रिज मिले थे। 20 माह बाद इनमें से 2 के टेंडर भी हो गए हैं। अन्य की प्रक्रिया चल रही है। परंतु रेलवे ने जिन दो आरओबी को आवश्यक नहीं बताया है, उनसे भी रोजाना हजारों की संख्या में लोग निकलते हैं। इनमें से एक है फाटक नंबर-25। शहर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक रेलवे के फाटक नंबर-25 यानी डिंपल पेट्रोल पंप के बाजू वाले गेट से निकलता है।

स्टेशन से नजदीक होने के कारण यह ज्यादातर बंद भी रहता है। सदर-भगवानगंज सहित आसपास की करीब 50 हजार आबादी को सिविल लाइन तरफ आने-जाने के लिए यह सबसे नजदीक रास्ता भी है। जबसे यहां आरओबी बनाने की घोषणा हुई है, तभी से लोग सोच रहे हैं कि जल्दी इसका निर्माण हो और उन्हें फाटक पर खड़े रहने की समस्या से मुक्ति मिले।

रजाखेड़ी-सेमराबाग फाटक से डायवर्ट होता है ट्रैफिक
रजाखेड़ी-सेमराबाग फाटक पर भी आरओबी की मंजूरी नहीं मिली है। मकरोनिया क्षेत्र में जब भीड़ बढ़ती है या फोरलेन पर कोई बड़ा कार्यक्रम होता है तो सबसे ज्यादा ट्रैफिक सेमराबाग फाटक से ही डायवर्ट होता है। जब जबलपुर रोड पर जाम लगता है, तब भी ट्रैफिक इसी फाटक से निकलता है।

रेलवे ने इन दोनों ही फाटकों पर ओबरब्रिज की जरूरत नहीं बताते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया है। रेलवे के अफसरों का कहना है कि यहां आरओबी बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। वहीं सेतु निगम के अफसरों का कहना है कि रेलवे मंजूरी दे तो जगह और डिजाइन का प्रबंध करते हुए आरओबी बनाया जा सकता है।

आरओबी से 3 साल से टूटी परंपरा हो सकती है चालू
अप्सरा अंडर-ब्रिज बनने के बाद यहां का रेलवे फाटक हटा दिया गया। उसी के नीचे नया अंडरब्रिज बना है। इसके चलते सदर से वर्षों से गणेशोत्सव और नवदुर्गा में निकलने वाली गणेश और दुर्गा प्रतिमाएं शहर आना बंद हो गई हैं। ऐसे में यदि डिंपल पेट्रोल पंप के पास ओवरब्रिज बनता है तो यहां से प्रतिमाएं भी आसानी से निकल सकेंगी।

सदर की बालक काली कमेटी मुहाल नंबर-3 के रवींद्र अवस्थी बताते हैं अप्सरा रेलवे फाटक बंद होने और अंडरब्रिज नीचा होने से सदर क्षेत्र की प्रतिमाएं अब शहर नहीं जा पातीं। इसका हमें भी मलाल है। यदि डिंपल पेट्रोल पंप पर आरओबी बनता है तो हम सब फिर शहर जाने लगेंगे।

जगह की कमी है
कम जगह के कारण दोनों आरओबी का निर्माण नहीं हो सकता। जो 150 से 200 मीटर की जगह चाहिए, वह यहां उपलब्ध नहीं है। यदि राज्य सरकार जगह की उपलब्धता सुनिश्चित करती है तो इनका निर्माण किया जा सकता है। – प्रमोद गुप्ता, सहायक मंडल इंजीनियर, रेलवे

हम कोशिश कर रहे हैं
सरकार की मंशा है कि लोगों को रेलवे फाटक बंद रहने से लगने वाले जाम से मुक्ति मिले। रेलवे से चर्चा चल रही है। रेलवे यदि मंजूरी देता है तो सभी जरूरतें पूरी करते हुए यह आरओबी भी बनवाए जाएंगे। – पीएल पंत, ईई सेतु निगम

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