इंदौर-दाहोद रेल परियोजना: इंदौर-धार के बीच काम को गति देने खेतों से हटाई खड़ी फसलें

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धारएक घंटा पहले
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शनिवार काे रेलवे के अधिकारियाें ने गुणावद से आगे तक खेताें में खड़ी फसल पर मशीनें चलाकर अर्थवर्क के लिए तैयारी शुरू कर दी है, क्याेंकि सात साल पहले इस जमीन का मुआवजा बांटा जा चुका है।
बारिश के कारण रुकी पड़ी इंदाैर-दाहाेद रेलवे लाइन काे पश्चिमी रेलवे ने गति देना शुरू कर दिया है। धार काे इंदाैर से जाेड़ने के लिए शनिवार काे रेलवे के अधिकारियाें ने गुणावद से आगे तक खेताें में खड़ी फसल पर मशीनें चलाकर अर्थवर्क के लिए तैयारी शुरू कर दी है, क्याेंकि सात साल पहले इस जमीन का मुआवजा बांटा जा चुका है।
एक से डेढ़ माह पूर्व इसकी लाइनिंग भी डाली जा चुकी थी। बावजूद किसानाें ने फसल लगा दी थी। अब 12 माह में गुणावद से धार के बीच अर्थवर्क कर पटरी बिछाने से लगाकर बिजली लाइन डालना है। इसके लिए 522 कराेड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 6 माह पूर्व इन कामाें के लिए टेंडर जारी हाेकर निर्माण एजेंसियां भी फाइनल हाे चुकी है।
आदिवासी बहुल धार और झाबुआ जिले के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमाेहन सिंह ने 2008 में परियोजना के लिए भूमिपूजन किया था। इसके चलते लोग 14 साल से रेल का इंतजार कर रहे हैं। इंदौर-दाहोद रेल परियोजना का काम अब तक मैदानी स्तर पर खासताैर पर धार जिले में कम ही देखने को मिला है। परियाेजना के पीएम पाेर्टल पर आने से अब 2024 तक धार तक रेल चलाने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे अधिकारियों ने धार से गुणावद तक अधिग्रहित जमीन का कब्जा लेने के लिए पूर्व में सर्वे किया था।
इस दौरान खेतों में सोयाबीन फसल खड़ी होने से अलाइनमेंट के हिसाब से निशान लगाए थे। अब फिर से फसल लगने से रेलवे ने अधिग्रहित जमीन पर अर्थवर्क का काम शुरू करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। इंदाैर से आगे टीही तक पटरी बिछाई जाकर गुणावद तक अर्थवर्क भी हाे चुका है। अब धार से गुणावद के बीच बचे 17 किमी हिस्से में एक साल में काम पूरा करना है। धार से गुणावद के बीच काम का ठेका लेने वाली कंपनी ने अपना हेडक्वार्टर जामंदा गांव के समीप एक खेत में बनाना शुरू कर दिया है। जहां प्लांट इंस्टालेशन का काम चल रहा है। इसके बाद अर्थवर्क और अन्य निर्माण संबंधी काम शुरू होने की उम्मीद है।
अधूरी बची टनल और पुल-पुलिया साथ बनेगी
पश्चिमी रेलवे बाेर्ड के अधिकारी के अनुसार मार्च से अप्रैल के बीच लगाए 522 कराेड़ के टेंडर का काम एक साथ चलेगा। इसमें शेष रही टनल से लगाकर पुल-पुलिया बनेगी। टीही से गुणावद तक 32 किमी में पटरी बिछाने के लिए 143 करोड़ का पहला टेंडर लगाया था। जाे ठेकेदार काे 15 माह में पूरा करना है। गुणावद से धार के बीच 17 किमी में पटरी बिछाने से लगाकर ओवरब्रिज बनाने के लिए दूसरा टेंडर 112 करोड़ का लगाया, जाे 12 माह में पूरा करना है।
खरमौर अभयारण्य के आगे जमीन अधिग्रहण के लिए 7.5 करोड़ के तीसरा टेंडर में भी प्रक्रिया चल रही है। पीथमपुर में बन रही टनल का 2.9 किमी का बचे हिस्से के लिए भी 132 कराेड़ का टेंडर जारी हाेकर काम शुरू हाे चुका है। जाे 15 माह में पूरा करना है। टीही से धार के आगे तिरला तक बिजली लाइन के लिए 128 कराेड़ का पांचवां टेंडर भी जारी हाे चुका। अभी और भी बजट रखा हाेने से पीथमपुर, सुलावड़, गुणावद, धार और तिरला में स्टेशन के लिए टेंडर लगाए जाएंगे।
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