दतिया में आयोजित अखिल भारतीय ज्योतिषी वास्तु महा अधिवेशन सम्मेलन: गृह मंत्री बोले- ज्योतिष एवं वास्तु विद्या को नए रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है

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दतिया32 मिनट पहले
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प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ज्योतिषी एवं हमारा विज्ञान ऐसा है जो आज भी विज्ञान कितना भी आगे हो जाए, उसके बावजूद विज्ञान हमारे ज्योतिष तक नहीं पहुंच सका है। दतिया में आयोजित तीसरे अखिल भारतीय ज्योतिष, वास्तु महाअधिवेशन सम्मेलन में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। द हेरीटेज होटल दतिया में आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद ने की। महासम्मेलन में धर्मगुरू एचएस रावत, आचार्य अनिल वत्स जी, हरीओम जोशी, सुरेश भरमन, पंडित कृपाराम उपाध्याय, परीणीता राजे,राहुल देव सिंह आदि उपस्थित थे।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी मान्यता है कि हमें अपनी ज्योतिषी विद्या एवं वास्तु की विद्या को नए रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। उन्होंने महाअधिवेशन के आयोजन की सराहना करते हुए आयोजकों को साधुवाद देते हुए कहा कि दतिया में एक मंच पर ही ज्योतिषी, संतो एवं विद्धवानों को आमंत्रित कर दतिया वासियों को इसका लाभ मिलेगा और इस आयोजन से विज्ञान को नई दिशा भी मिलेगी। उन्होंने आए सभी अतिथियों से डबरा में नवनर्मित हो रहे नवग्रह पीठ को देखने के लिए आमंत्रण भी दिया।
गृह मंत्री ने कहा कि हमारी ही मातृ भाष ऐसी है जिसके शब्दों से मंत्र बनता है और मंत्र से यंत्र बना दिया है। आज नाशा के वैज्ञानिक बताते है कि कब वर्षा होगी। जबकि हमारे पूर्वज चिड़िया को धूल में नहाते देखकर दावे के साथ कहते थे कि वर्षा अवश्य होगी और उनकी बात सही होती थी। उन्होंने कहा कि नाशा के वैज्ञानिक तभी सही बता पाते है, जब हमारे पंचाग से अपने को अपडेट किया। हमारा पंचाग एक ऐसा दस्तावेज है जो आने वाले 100 वर्षो में पड़ने वाले चंद्रग्रहण एवं सूर्य ग्रहण को भी बता देता है।
हमारे पंचाग ने ही दक्षिण में सुनामी आने का संकेत दिया था। लेकिन वैज्ञानिकों ने उस पर विश्वास नहीं किया। जिन लोगों ने पंचाग पर विश्वास किया वह सुरक्षित रहे। कार्यक्रम को एचएस रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि त्योतिषी एक महत्वपूर्ण विज्ञान है इसे समझने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में परीणीता राजे ने कहा कि इस आयोजन से दतिया वासियों को भी लाभ मिलेगा। कार्यक्रम के शुरू में राहुल देव सिंह ने अतिथियों का परिचय कराते हुए स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन पंडित हीरेन्द्र शुक्ला ने किया।
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