सगे भाइयों की मौत पर विधायक ने उठाए सवाल: स्टैमिना बुस्टर्स की हो जांच, गलती से जहरीला पदार्थ तो नहीं ले रहे थे दोनों

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बैतूल9 मिनट पहले

अग्निवीर भर्ती में दौड़ के बाद दो सगे भाइयों की मौत पर विधायक ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मामले की सूक्ष्मता से जांच करने की मांग की है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि किसी स्टैमिना बूस्टर की वजह से युवकों की जान जा सकती है। इसकी जांच की जानी चाहिए, ताकि अन्य दूसरे युवा इस जाल में ना फंसें। दूसरी तरफ परिजनों ने युवकों को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की है।

अग्निवीर भर्ती में शामिल होने भोपाल गए बैतूल के दियामहू निवासी युवक रूपेंद्र और उसके छोटे भाई अंकित की एक जैसी परिस्थितियों में चार दिन के अंतर में मौत हो गई थी। इस मामले में उनकी मौत के कारणों पर से पर्दा नहीं उठ सका है। उनका इलाज करने वाले डॉक्टर और क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे ने मौत की जांच कराने की बात कही है।

विधायक ने कहा कि घटना संदेहास्पद लग रही है। एक ही घर में दो भाइयों की मौत वह भी एक जैसी परिस्थितियों में होना ऐसा लगता है कि यह स्टैमिना बूस्टर मेडिसन का ओवरडोज ना हो। उन्हें उस बारे में शक जा रहा है। विधायक ने बताया कि जब पहली बार उनके पास रूपेंद्र को लाया गया था। तब उसके दोनों पैरों में सूजन थी। उसकी किडनी भी गड़बड़ थी।

संदेहास्पद चीज होने की आशंका

मेडिकल साइंस में एक कंडीशन होती है, रेपो बायलेसिस। इसमें ज्यादा थकान और पानी की कमी के चलते आर्मी की ट्रेनिंग और मैराथान दौड़ने वालों की मांसपेशियों में सूजन और किडनी डैमेज होने जैसी समस्याएं होती हैं। शुरुआत में भूपेंद्र के मामले में यही लग रहा था, लेकिन दूसरे दिन जिस तरह हार्ट, लीवर फेलियर और फेफड़ों में सूजन आई इसलिए शक है कि कोई संदेहास्पद चीज हो सकती है। जो दोनों भाइयों की मौत की वजह बनी।

विधायक ने कहा कि दोनों भाइयों का सिकलसेल टेस्ट पॉजिटिव आया है। लीवर फेलियर जिस तरह से हुआ है, उसे देखकर लग रहा है कि यह सिकल या रेपो बायलेसिस इसके कारण है। इसलिए दोनों की मौत के कारणों की जांच होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर, सीएमएचओ, एसपी से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि इस संदेह से पर्दा उठना जरूरी है।

स्टैमिना बूस्टर दवाइयों का शक

विधायक ने कहा कि जिस तरह से स्टैमिना बूस्टर के नाम पर दवाइयां बिक रही हैं। इसमें कई बार हैवी मेटल्स या पाइजन जैसी चीज हो सकती है। दूसरे युवा इसे लें तो यह खतरे वाली बात है। उन्होंने कहा कि मृत्यु पूर्व लिए सैंपल सिकल टेस्ट के लिए भेज गए हैं। इनके सैंपल की जांच करना जरूरी है, यह जानकारी जुटाना बेहद जरूरी है कि वह आखिर क्या ले रहे थे। यह कोई पाइजन केमिकल है, जो इस स्टैमिना बूस्टर के रूप में ले रहे हैं। ​​​​​​​

परिजनों ने की शहीद के दर्जे की मांग

दोनों भाइयों की मौत के बाद अब परिजन उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों युवक अग्निवीर भर्ती में शामिल होने के लिए गए थे। दोनों का सिलेक्शन भी हो चुका था। ऐसे में उन्हें शहीद ही माना जाना चाहिए, क्योंकि जिस तरह से वह सेना भर्ती की तैयारियां कर रहे थे। उनमें देश के लिए मर मिटने का जुनून और जज्बा था।

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