बच्चे कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त हो: सहजन से एनीमिया और कुपोषण से रहें निरोग: शाक्य

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शिवपुरी20 मिनट पहले
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जिले के 55 गांव में एवं 55 स्कूलों में सुपोषण सखियों द्वारा सहजन की पत्तियों का उपयोग कर कुपोषण एवं एनीमिया को दूर करने की मुहिम नवाचार के तौर पर चलाई जा रही है जिसके सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं सुपोषण सखी नर्मदा शाक्य ने बताया कि ब्रिटानिया न्यूट्रीशियन फाउंडेशन, महिला बाल विकास विभाग एवं शक्ति शाली महिला संगठन द्वारा संयुक्त रूप से नवाचार के रूप में मध्याह्न भोजन आंगनवाड़ी एवं स्कूल में सहजन की पत्तियों को डालकर कुपोषण एवं एनीमिया दूर करने का प्रयास किया जा रंगाई।
सहजन की पत्तियों में आयरन कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो कि कुपोषण एवं एनीमिया को मुक्त करने के लिए वरदान साबित हो रहे हैं हमारे द्वारा नवाचार के तौर पर मध्याह्न भोजन एवं आंगनबाड़ी के मध्याह्न भोजन में सहजन की पत्तियों को सुखाकर उनको भोजन में डाला जा रहा है जिससे कि हमारे स्कूल एवं आंगनवाड़ी के बच्चे कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त हो सकें।
शक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया की इसकी पत्तियां भी कम पौष्टिक नहीं होती हैं। अब तो इसकी पत्तियों की दवा भी बाजार में उपलब्ध है। इसे कई नामों जैसे- सहजन, सहन, मोरिंगा, सुरजने की फली आदि। सहजन के अलग-अलग हिस्सों में 300 से ज्यादा रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन, 46 तरह के एंटी ऑक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं। इसकी फली के अचार और चटनी कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं।
सहजन की पत्तियां कई बीमारियों के खतरे को दूर करने में फायदेमंद होती है। कैल्शियम और विटामिन से है भरपूर सहजन की पत्तियों में कैल्शियम और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होती है। 100 ग्राम सहजन की पत्तियों में 5 गिलास दूध के बराबर कैल्शियम होता है।
मोटापा-वजन कम करने में इसकी पत्तियां फायदेमंद
मोटापा और वजन कम करने में सहजन की पत्तियां काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसमें मौजूद एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जिससे मोटापे या वजन की परेशानी से लड़ने में मदद मिल सकती है। इसलिए महिला बाल विकास विभाग ने भी इस मुहिम की सराहना की है इस कार्य में सुपोषण सखी नर्मदा, कमलेश, बिमला एवं राधा जाटव का विशेष योगदान रहा।
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